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बीकानेर महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के निर्देश अनुसार पिछले महीने इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट का आयोजन द्वारिका शारीरिक शिक्षण संस्थान नाल द्वारा आयोजित किया गया विश्वविद्यालय स्तर के खिलाड़ियों के लिए आयोजित किए जाने वाली प्रतियोगिता में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के अधीन महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया यह प्रतियोगिता एमएम ग्राउंड में आयोजित हुई थी इस प्रतियोगिता में विभिन्न खिलाड़ियों ने टारगेट पर निशाने साधे थे कंपाउंड, रिकर्व, इंडियन राउंड के छात्र छात्राओं ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद आयोजकों द्वारा ना तो पदक दिए गए और ना ही प्रमाण पत्र दिए गए और आयोजक वहां से फरार हो गए प्रतियोगिता समाप्ति पर खिलाड़ी अपने रिजल्ट का और उनके द्वारा लगाए गए स्कोर कि जानकारी मिलने का इंतजार करते ही रहे और देखा तो आयोजक वहां से गायब हैं ऐसी स्थिति में यूनिवर्सिटी के खेल अधिकारी यशवंत गहलोत से जब खिलाड़ियों ने अपने सलेक्शन के बारे में चर्चा की तो पता लगा कि उन खिलाड़ियों का भी सलेक्शन कर दिया गया है जिन्होंने तीर ही नहीं चलाए थे खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि प्रतियोगिता समाप्ति के बाद ऐसी क्या जल्दी थी आयोजकों को कि बिना मेडल व प्रमाण पत्र दिए वहां से निकल गए विश्वविद्यालय स्तर के टूर्नामेंट में विजेता खिलाड़ियों को मेडल प्रमाण पत्र ना दिया जाना एक साजिश का कारण हो सकता है और वहां पर परिणाम घोषित नहीं करना एक बड़ी साजिश हो सकती बीकानेर को ओलंपिक पर ले जाने वाले पैरा ओलंपिक खिलाड़ी श्यामसुंदर स्वामी ने खेल अधिकारी यशवंत गहलोत से जब इस विषय पर बात की तो गहलोत ने कहा कि आयोजकों द्वारा मेरे को चयन सूची दी गई है और उसी चयनित खिलाड़ियों को मैंने विश्वविद्यालय की टीम में शामिल किया गया है स्वामी ने बताया कि जिन खिलाड़ी के तीर ही नहीं लगे उन खिलाड़ियों का आपने सलेक्शन कर दिया यह यूनिवर्सिटी के लिए बड़ी शर्म की बात है ओलंपियन श्यामसुंदर स्वामी ने यशवंत गहलोत से मुलाकात कर उन खिलाड़ियों को टीम से बाहर करने की भी मांग रखी स्वामी ने कहा कि एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेल व खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं दूसरी तरफ द्वारिका शारीरिक शिक्षण संस्थान नाल के प्रिंसिपल द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में बिना तीर चला खिलाड़ियों को चयन किया जा रहा है इससे सरकार के किए गए अच्छे कार्यों पर सवाल पैदा होते हैं स्वामी ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ में व खेलों के साथ में इस तरीके के निर्णय करना धोखा है, स्वामी ने खेल अधिकारी गहलोत को बताया कि प्रतियोगिता समाप्ति के बाद मेडल व प्रमाण पत्र ना देना और खिलाड़ियों को परिणाम के बारे में जानकारी नहीं देना यह गलत है और वहीं पर आयोजकों व चयन कर्ताओं की मिलीभगत सामने आती है उसी के कारण जिनके तीर टारगेट पर ही नहीं लगे उनके चयन ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में कर दिया गया। दूसरी तरफ खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि हमारे बार बार कहने पर ही पी नाल कॉलेज द्वारा हमें ना तो परिणाम के बारे में जानकारी दी जा रही है ना हमें प्रमाण पत्र और मेडल दिए जा रहे हैं प्रमाण पत्र नहीं मिलने से राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं से भी खिलाड़ी वंचित रह रहे हैं

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