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बीकानेर,जब राधा कृष्ण को होली खेलने के लिए मनाती है तब राधा जी कहती है कि ‘‘खेलो-खेलो नी घनश्याम मोहे संग होली…….’’ के भजन से श्रीमाली समाज महिला मण्डल के फागोत्सव का आरम्भ हुआ। इसी क्रम में चंग की धमाल पर तीखे-तीखे नैन, मै कैसे खेलु होली सांवरियां, उडे रे गुलाल जैसे भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।

श्रीमाली महिला मण्डल समाज अध्यक्ष्या इन्द्रा दवे ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक उत्सव हमें अपनी परम्पराओं से जोड़े रखते है। साथ ही हमारी परम्पराओं के विभिन्न आयाम हमें आपसी सोहार्द, अपनत्व, अखण्डता में एकता का संदेष देते है।
इन्द्रा दवे ने बताया कि राधा-कृष्ण की होली का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। दवे ने बताया कि लोक कथा के अनुसार जब कृष्ण यशोदा माता से कहते है कि मैं तो काला हूं और राधा गौरी है। तब यशोदा माता कृष्ण से कहती है कि तू राधा के चेहरे पर रंग लगा दे। उसी दिन से राधा-कृष्ण की होली उत्सव सभी जगहों पर मनाया जाने लगा।
महिला मण्डल की प्रवक्ता डिम्पल श्रीमाली ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से हमारी संस्कृति और परम्परा कायम रहती है तथा आने वाली पीढ़ि को हम अपने सांस्कृतिक मूल्य विरासत में देते है जोकि आज के समय में बहुत ही महत्ती का कार्य है।
इस अवसर पर राधा कृष्ण की झांकियांे में महिलाएं सज-धज कर आई। अनिता दवे ने कृष्ण का रूप धारण कर सबका मन मोह लिया। वहीं राधा के रूप में कामिनी दवे एवं मोनिका, अपर्णा श्रीमाली ने
कार्यक्रम के दौरान शशिकला, सत्या श्रीमाली, उमिया दवे, प्रेमलता श्रीमाली ने भजन प्रस्तुत किए वहीं चंग की धमाल पर प्रभु पुरोहित, मनोज एवं सुरेश ने संगत की।
कार्यक्रम में गायत्री, निर्मला, ऋतु, वर्षा, प्रेमलता, चंद्रकला, ललिता, भागीरथी, रंजना, उमादेवी, विजयलक्ष्मी, गायत्री श्रीमाली, मंजु, उषा, शशि, काना, मधु, अंजलि, विजन्ता, शालू, ज्योति, कुसुम, कोमल, गौरया आदि महिलाओं ने भजनों पर नृत्य कर अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं ने राधा कृष्ण को गुलाब फूलों से होली खिलाई

 

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