बीकानेर गंगाशहर सुजानदेसर गोचर भूमि में ऑक्सीजन हब तैयार हो रहा है। यहां पारम्परिक वनौषधियों सहित विभिन्न किस्मों के पेड़, फल और फूल के पौधे लगाए जा रहे हैं। आने वाले समय में यह स्थान आमजन के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगा। गोचर भूमि में करीब नौ बीघा भूमि पर इसे पिछले कई महीनों से तैयार किया जा रहा है। हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण, गौ सेवा से जुड़े लोग और विभिन्न संस्थाएं इस कार्य में पिछले कई महीनों से जुटे हुए हैं। सुजानदेसर में काली माता मंदिर के पीछे नौ बीघा भूमि पर यह तैयार हो रहा है।
पनप रही वनौषधियां
गोचर विकास से जुड़े निर्मल बरड़िया के अनुसार नौ बीघा वर्गाकार भूमि पर चारों ओर पीपल के दर्जनों पौधे लगाए गए हैं। वहीं तीन हजार खेजड़ी, पांच हजार तुलसी, एक हजार शतावरी, अश्वगंधा, गिलोय सहित कई किस्मों की वनौषधियों के पौधे लगाए गए हैं। वनौषधियों को बीज से तैयार किया जा रहा है। धामण घास के साथ फोग, सेवण, रोहिड़ा जैसी वनस्पतियों की बढ़ोतरी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
चल रहा सामूहिक प्रयास
श्री कृष्ण गौ संवर्द्धन समिति के अध्यक्ष बंशीलाल तंवर के अनुसार नौ बीघा भूमि पर जागरूक और सेवा भावी लोगों के सामूहिक प्रयासों से गोचर में ऑक्सीजन हब तैयार हो रहा है। आने वाले समय में यह स्थान न केवल रमणीय स्थल होगा बल्कि इसे स्वाध्याय व ध्यान केन्द्र के रूप में भी विकसित करने का प्रयास चल रहा है। यह स्थल अनूठा होगा। शहर से दूर. लोगों के मन सुकून पहुंचाने वाला माहौल उपलब्ध होगा। सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र होगा।