बीकानेर,राजस्थान सरकार के सात करोड़ पौधे लगाने के संकल्प को पूरा करने में हम अपना नागरिक कर्तव्य और मनुष्य का धर्म निभा रहे हैं क्या? सब सरकार और प्रशासन ही क्यों करें? हमें जीने के लिए शुद्ध हवा और पर्यावरण चाहिए ना? फिर ! सरकार और प्रशासन ही शुद्ध हवा और पर्यावरण आपके जीवन के लिए दें? आप क्या करोगे, सरकार और प्रशासन की निंदा। ऐसा मत कीजिए अपना नागरिक धर्म निभाएं। पेड़ लगाए और बचाने में सहयोगी बनिए।
बीकानेर में प्रशासन और सरकार 75वां जिला स्तरीय वन महोत्सव मना कर नागरिकों को प्रेरणा दी है। सरकार और प्रशासन ने तो अपना कर्तव्य पूरा किया है। आगे जिम्मेदारी नागरिकों की है। वास्तव में तो पर्यावरण और प्रकृति के प्रति हर नागरिक की जिम्मेदारी है, परंतु अधिकांश नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। यह हमारी आध्यात्मिक मान्यता के तहत तो पाप कर्म है। ऐसे नागरिक प्रकृति के अपराधी है। अपने पाप कर्म को लोग भुगत रहे हैं, परंतु कर्तव्य पूरा नहीं करते है। खैर ऐसे लोगों को प्रकृति दंड देती है वो पेड़ से दूर रहकर बीमारियां भुगत रहे हैं जो भी हो सरकार और प्रशासन ने तो बीछवाल स्थित मरुधरा बायोलाॅजिकल पार्क में वन महोत्सव जनता को प्रकृति और उनके कर्तव्य को जागृत करने के लिए मनाया। बीकानेर की बहुत सी संस्थाएं, संगठन, सरकार विभाग, अफसर और लोग पोधारोपण कर भी रहे हैं।अच्छे प्रयास भी हो रहे हैं परंतु जो अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे है या जो समझकर नहीं निभा रहे है उनको कैसे समझाएं? पेड़ और प्रकृति संरक्षण विशुद्ध रूप से नागरिक कर्तव्य और मनुष्य धर्म है। केवल सरकार और प्रशासन पर जिम्मेदारी डालना नागरिक धर्म की अवहेलना है।
बीकानेर में आयोजित वन महोत्सव में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का यह कहना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरूआत कर देश भर के लोगों से इसमें अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया। यह भी जनता को संदेश है। प्रधानमंत्री की यह अपील आज जन आंदोलन बन गई है और देश भर में अधिक से अधिक पौधारोपण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के साथ इनके संरक्षण का संकल्प लेना जरूरी है। भाइयों और बहिनों एक पेड़ लगाने का कितना पुण्य होता है यह हमारे शास्त्रों से जान लें। आप भी पेड़ लगाएं। पुण्य होगा। प्रकृति की कृपा रहेगी। भावी पीढ़ी सुखी रहेगी। धन धान्य रहेगा। समृद्धि आएगी। जीवन स्वस्थ और सुखी होगा। इसके खातिर ही सही पेड़ लगाएं।