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बीकानेर, प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक,पितामह ब्रह्मा पितामह की पुण्य तिथि मंगलवार को विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुल गंज में विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया। बाबा की याद में केन्द्र परिसर में लघु शांति स्तम्भ स्थापित किया गया तथा उस पर उनके आदर्श संदेशों का अंकन किया गया। बाबा के निर्वाण दिवस पर तीन दिवसीय विशेष ध्यान योग, साधना शिविर आयोजित किया गया। करोना के बचाव के ऐतिहात के तौर पर कई शिविरार्थियों ने वच्र्युल माध्यम से ध्यान व साधना की। संभाग के सभी केन्द्रों में कार्यक्रम योग शिविर आयोजित किए गए।
क्षेत्रीय केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्र संभाग प्रभारी बी.के.कमल ने कहा कि ब्रह्मा के जीवन-आदर्श आलौकिक है। वे त्याग, तपस्या, योग, साधना और सेवा के प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने देवीय संस्कृति, मानवीय व आध्यात्मिक मूल्यों की पुनः स्थापना और विश्व शांति-सद्भावना के लिए अनुकरणीय व उल्लेखनीय कार्य किया। उनके द्वारा स्थापित मूल्यों व आदर्शों को आत्मसात कर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की हजारों बहनें देश विदेश में आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा में सेवाएं दे रही है। ब्रह्माबाबा द्वारा स्थापित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्व में एक मात्र सबसे बड़ी संस्था है जिसका संचालन समर्पित महिलाओं द्वारा किया जाता है।
शांति स्तम्भ-माउंट आबू में पांडव भवन परिसर में पितामाह ब्रह्मा की स्मृति में स्थापित शांति स्तम्भ की हुबहू प्रतिकृति प्रतीक रूप में केन्द्र में स्थापित की गई। बड़ी संख्या में केन्द्र में आने वाले अनुयायियों ने प्रतीक शांति स्तम्भ के पास पुष्पांजलि दी तथा पिताश्री ब्रह्मा के आदर्शों का स्मरण किया। शांति स्तम्भ में पिताश्री ब्रह्मा के आदर्श संदेश अंकित किए गए थे।

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