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जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक पर एक बार फिर तंज कसते हुए करारा जवाब दिया है। एक किताब के विमोचन के मौके पर सचिन पायलट जयपुर के एक होटल पहुंचे थे। पायलट ने आयोजकों के किताब लिखने के आग्रह का जवाब देते हुए कहा कि आप चिंता मत कीजिए, मैं 50 साल तक यहां पर हूं।

पायलट के इस बयान को 2 अक्टूबर को अशोक गहलोत के दिए उस बयान का जवाब माना जा रहा है। जिसमें गहलोत ने कहा था कि अभी 15-20 साल मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा, जिसे दुखी होना हो वह हो जाए।

गुरुवार रात को किताब विमोचन समारोह में पायलट ने एक सवाल के जवाब में यूपी सरकार, केंद्र और बीजेपी की आड़ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी नाम लिए बिना निशाने पर लिया। पायलट ने कहा कि अपने में खोट बताकर स्वीकार बहुत कम लोग कर पाते हैं। एक तो यह होता है कि आदमी सच्चाई से धरातल से जुड़ा हो। वास्तव में वह साधारण जिंदगी जीता हो। आजकल तो राजनीति पाखंड की भी तो हो गई। कई लोग कहते हैं, बहुत जमीन से जुड़ा हूं, बहुत साधारण हूं, लेकिन असलियत कुछ और होती है। आप दिन में दो घंटे, चार घंटे, छह घंटे तो दिखावा कर सकते हैं, लेकिन चौबीस घंटे नहीं कर सकते। असलियत सामने आ जाती है, इसलिए बेहतर यह है कि जो आप हैं वो हैं, उसे स्वीकार करें। आपकी पर्सनैलिटी रियलिटी जो है जैसी है, उसे स्वीकार करें। जितना ज्यादा खुलकर हम जनता के सामने बात रखते हैं, जनता उसे स्वीकार करती है।

जो मैं नहीं हूं वह दिखने की कोशिश करने में चतुराई नहीं

पायलट ने कहा कि जो मैं नहीं हूं, वह दिखने की चौबीस घंटे कोशिश करना चतुराई नहीं है। राजनीति में हमारी जो रियलिटी है, उसे एक्सेप्ट करते हुए ट्रांसपेरेंट रहना चाहिए। हम इंसान हैं, सौ कमियां मेरे में भी है, लेकिन मैं यह समझने लग जांऊ कि सर्वगुण संपन्न हूं, मैं गलत हो नहीं सकता। यह मानसिकता लोकतंत्र के लिए घातक है। सत्ताधारी पार्टी के व्यक्ति में इतना कलेजा होना चाहिए कि गलत हो रहा है तो उसे कहने की हिम्मत रखें।

टोंक में कहा था- लोगों में यह घमंड आ जाता है कि जीवन के अंतिम पड़ाव तक सत्ता में रहेंगे, यह गलत है

पायलट ने मंगलवार को टोंक में कहा था कि हमेशा कोई पद पर नहीं रहता। यह जनता है, जितना समय आप दोगे, सिंहासन पर बैठोगे। जब जनता करवट बदलती है, तो इतनी जोर की पलटी पड़ती है कि आदमी को पता ही नहीं पड़ता क्या हो रहा है, लेकिन जिन लोगों के अंदर यह घमंड और अहंकार आ जाता है कि हम जीवन के अंतिम पड़ाव तक सत्ता में बैठे रहेंगे, मैं समझता हूं कि वो गलत हैं।

 

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