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बीकानेर,कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए राजस्थान के सियासी संकट पर फैसला लेना आसान नहीं होगा। गहलोत और पायलट कैंप के बगावती सुर रोकना खड़गे के लिए बड़ी चुनौती होगी, जो आसान नहीं है।ऐसे में राजस्थान के सियासी घमासान खड़गे के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद उनके फैसलों का असर राजस्थान में देखने को मिलेगा। गहलोत सीएम की कुर्सी छोड़ना चाहते नहीं है। सचिन पायलट झुकने के लिए तैयार नहीं है। गहलोत समर्थक विधायक अपने रुख पर अड़िग है। विधायक अपने पक्ष में फैसला नहीं होने पर बगावत कर सकते हैं। अब अड़गे को बेहद सावाधानी से कदम रखना होगा। हाल ही में पर्यवेक्षक के रूप में राजस्थान से निराश करके लौटाए गए खड़गे का रुख क्या होगा? क्या वह अशोक गहलोत को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करेंगे या फिर यथास्थिति बरकरार रखेंगे? इस बीच ‘सीएम इन वेटिंग’ सचिन पायलट ने खड़गे को बधाई देते हुए उनकी तारीफ की है। पायलट ने इसे ‘शुभ संकेत’ बताया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए बड़ी चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए बड़ी चुनौती है गहलोत और पायलट गुट को साधने की है। खड़गे के सामने राजस्थान में बड़ी चुनौती है। चर्चा है कि खड़गे राजस्थान को लेकर कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान के नाम एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाने की कोशिश करेंगे। सीएम फैसला फिलहाल नहीं लें। सचिन पायलट के नाम पर सहमति नहीं बनी तो तीसरे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। गहलोत समर्थक मंत्रियों पर क्या ऐक्शन ले सकते हैं। सचिन पायलट के सीएम बनने पर विधायक इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो ऐक्शन ले सकते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने में राजस्थान ही सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बना। खड़गे से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी के सर्वोच्च पद के लिए सबसे बड़े दावेदार थे। सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच विधायक दल की बैठक बुलाई गई तो गहलोत गुट ने इस्तीफे का दांव खेल दिया। पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को निराश होकर अगले दिन लौटना पड़ा। जयपुर में हुए हंगामे के बाद सीन पूरी तरह बदल गया। गहलोत रेस से बाहर हो गए तो खड़गे कांग्रेस चीफ बन गए हैं। ऐसे में उनका रुख राजस्थान और अशोक गहलोत को लेकर क्या होगा, इस पर सियासी पंडितों की निगाहें टिकी हैं।पायलट बोले- मिलकर चुनौतियों का सामना करेंगे

सचिन पायलट ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव जीतने पर बधाई दी है। चुनाव जीतने पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी उनके ऊपर आई है। देश के सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर खड़गे के नेतृत्व में काम करेंगे। मैं समझता हूं कि चुनाव से कांग्रेस में ताकत आई है। कांग्रेस एकजुट हुई है। सब लोग मिलकर उनके नेतृत्व में काम करेंगे। मुझे पूरा भरोसा है खड़गे का जो अनुभव है। उसका लाभ पार्टी को मिलेगा। आने वाली तमाम चुनौतियों का हम सामना करेंगे। कांग्रेस पार्टी और मजबूत होगी। मधुसूदन मिस्त्री ने निष्पक्ष चुनाव कराया है। सभी मिलकर प्रशंसा की है। किसी और दल ने आज तक नहीं किया है।

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