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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस में फूट और पहले सरकार और संगठन में तालमेल नहीं रहने की बात सार्वजनिक रूप से मानी। कांग्रेस के ट्रैनिंग कैंप के उद्घाटन सत्र में गहलोत ने इशारों में पायलट कैंप को निशाने पर लेने के साथ इशारों में यह भी संकेत दिए कि पहले तालमेल नहीं था। सीएम अशोक गहलोत ने कहा अगर यही भावना रहती है सत्ता-संगठन में तो यह पहला प्रयोग प्रयोग होगा। हमेशा क्या होता है कि सत्ता संगठन में समन्वय नहीं रहता है तो सरकार और संगठन चाहे कितना ही अच्छा काम कर लें जनता तक मैसेज नहीं जाता। गांव-गांव में चर्चा चल रही होती है कि आपस में बनती नहीं है, झगड़े हो रहे हैं। गांव- गांव में इस किस्म की बातें हो जाती हैं कि चुनाव आते-आते हमारा कार्यकर्ता निराश हो जाता है। कार्यकर्ता ही पार्टी रीढ की हड्डी होता है। वह जो काम कर सकता है वह करोड़ों के विज्ञापन से नहीं होता। गहलोत बाड़ा पदमपुरा में कांग्रेस के तीन दिन के ट्रैनिंग कैंप के उद्घाटन में बोल रहे थे।

कांग्रेस नेतृत्व ने मुझ पर 50 साल इन्वेस्टमेंट किया है

गहलोत ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुझे राजनीति में 50 साल का अनुभव है। कांग्रेस नेतृत्व ने मुझ पर निवेश किया। चाहे पहले इंदिरा गांधी हों, राजीव गांधी हों या सोनिया गांधी। मुझे तीन बार केंद्रीय मंत्री, तीन बार पीसीसी अध्यक्ष, तीन बार मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया। तीन का यह आंकड़ा मेरे साथ रहा। आज पार्टी जिस संकट के दौर से गुजर रही है, उसमें हमारी जिम्मेदारी है कि हम पार्टी के साथ रहकर उसे मजबूत करें।

 

फिर भी मुझे सुनना पड़ता है कि कार्यकर्ता का सम्मान हो

गहलोत बोले कि कार्यकर्ता का सम्मान मेरे जेहन में है। मुझसे ज्यादा कौन समझेगा कि कार्यकर्ता का कितना महत्व है। फिर भी हमें सुनना पड़ता है कि कार्यकर्ता का सम्मान होना चाहिए। सीएम बोले कि पहले भी मैं कई बार कहता रह हूं कि एआईसीसी और पीसीसी मेंबर्स को पांच साल तक कोई पूछता ही नहीं है। साल में एक बार अधिवेशन बुलाने की बात मैं बार-बार कहता रहा लेकिन अधिवेशन नहीं हुआ।

 

पायलट कैंप की बगावत को फिर याद किया

इस ट्रेनिंग कैंप में सीएम ने पायलट कैंप की बगावत को फिर से याद किया। साथ ही खुद के 50 साल का अनुभव होने और सीनियर पदों पर रहने का हवाला देकर पायलट कैंप को इशारों में निशाने लिया। गहलोत ने कार्यकर्ता के सम्मान की बात को लेकर भी तंज कसा। मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद गहलोत पायलट कैंप की बगावत को याद करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक गहलोत तय सियासी रणनीति के हिसाब से बार-बार पायलट कैंप की बगावत को रिकॉल करते हैं। उन्होंने कहा कि अधिवेशन में सरकार और मुख्यमंत्री की खुलकर आलोचना होगी। इससे सुधार होगा। सरकार में पहली बार तीन साल बाद भी कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं बनी है। हर क्षेत्र में सरकार ने अच्छा काम किया है। कोरोना का प्रबंधन शानदार हुआ है।

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