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बीकानेर, एडीज मच्छर ने पूरे जिले के स्वास्थ्य की तस्वीर बिगाड़ कर रख दी है। मच्छर खत्म नहीं हो रहे। डेंगू बुखार थम नहीं रहा। एडीज मच्छर स्वास्थ्य विभाग की गलफांस बन गया है। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी व आमजन की लापरवाही सब पर भारी पड़ रही है। एडीज मच्छर का कहर सर्वाधिक शहरी लोगों पर पड़ रहा है। अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो डेंगू के कुल मरीजों में से ५० फीसदी से अधिक केवल बीकानेर शहरी क्षेत्र से रिपोर्ट हुए हैं।

अप्रेल-मई में सबसे कम और अक्टूबर में सबसे अधिकपिछले साल डेंगू के ७५६ मरीज रिपोर्ट हुए थे। एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। इस साल अब तक ७११ मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं और तीन मरीजों की मौत हो चुकी हैं। इस साल अप्रेल व मई में दो-दो मरीज रिपोर्ट हुए थे जबकि अक्टूबर में ३26 मरीज रिपोर्ट हुए। नवंबर में अब तक १७७ मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं।

१८ नए मरीज रिपोर्टश
निवार को ३१५ मरीजों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए, जिनकी रिपोर्ट रविवार को आई। इसमें १८ लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। पीबीएम अस्पताल में वर्तमान में मेडिसिन वार्डों, एमसीएच विंग, डी वार्ड में ४८७ भर्ती हैं जो डेंगू और प्लेटलेट्स कम से ग्रसित हैं।

दो महीने से डिमांड बढ़ रही

पीबीएम ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. एनएल महावर ने बताया कि पिछले दो महीने से आरडीपी व एसडीपी की डिमांड लगातार बढ़ रही है। डेंगू व प्लेटलेट्स कम होने के मरीजों के अलावा कैंसर, लीवर आदि बीमारियों के मरीजों को भी ब्लड, आरडीपी व एसडीपी दी जा रही है। रविवार को १28 मरीजों को आरडीपी एवं तीन मरीजों को एसडीपी दी जा चुकी हैं। आमतौर पर आम दिनों में दो-तीन आरडीपी की जरूरत पड़ती है। एसडीपी की कभी-कभार जरूरत पड़ती है लेकिन इन दिनों में आरडीपी हर दिन १25 और एसडीपी दो से तीन दे रहे हैं। आरडीपी व एसडीपी की पिछले दो महीने से डिमांड बढ़ रही है।

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