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बीकानेर नकली डीजल, बेस ऑयल, पेराफिन समेत संदिग्ध पेट्रोलिय पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर बीकानेर संभाग के पेट्रोप पम्प संचालकों ने सोमवार को हड़ताल शुरू कर दी। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और चूरू जिले में पेट्रोल पम्प बंद रहने से एक ही दिन में करोड़ों रुपए का पेट्रोलिय पदार्थों का कारोबार प्रभावित हुआ है। अनिश्चित कालीन

घोषित पम्पों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रखने की घोषणा की गई है। जिला प्रशासन लगातार पम्प संचालकों की एसोसिएशन से वार्ता कर हड़ताल को समाप्त कराने के प्रयास में जुटा हुआ है।

संभाग के चारों जिलों में सुबह से ही पेट्रोल पंपों के लॉक नहीं खुले। हड़ताल की घोषणा एक दिन पहले ही की जा चुकी थी, ऐसे में दोपहर तक वाहन चालक ज्यादा परेशान नहीं दिखे। दोपहर बाद भी हड़ताल नहीं टूटी तो लोग वाहनों में तेल डलवाने

के लिए पम्पों के बाहर मिन्नत करते नजर आने लगे। हड़ताल को अतिआवश्यक सेवाओं से मुक्त रखा गया है। ऐसे में एसोसिएशन ने कुछ पम्पों को एम्बुलेंस आदि में तेल भरने के लिए छूट दे रखी है।

बीकानेर जिला पेट्रोलियम पदार्थ विक्रेता संघ के कोषाध्यक्ष सुमित घुस्सा ने बताया की हड़ताल को सभी पेट्रोल पंप संचालकों का समर्थन मिला है। बीकानेर जिले के 220 पेट्रोल पंप पूरी तरह बंद रहे। संभाग के अन्य जिलों में 600 से अधिक पंपों

रबी की बुवाई का सीजन

इन दिनों खेतों में रबी की बुवाई का समय चल रहा है। ऐसे में हड़ताल लम्बी चलने पर किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ सकती है। श्रीगंगानगर से पंजाब और हनुमानगढ़ से हरियाणा की सीमा लगने से वहां तेल पड़ोसी राज्य से वाहन चालक ले आते है।

पर सोमवार को तेल विक्रय नहीं हुआ। हड़ताल से संभाग में करीब 22 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। कोषाध्यक्ष घुस्सा ने बताया की जब तक सरकार मांगे नहीं मानती, हड़ताल जारी रहेगी। पंप

संचालकों ने सोमवार को अंबेडकर सर्कल के पास प्रदर्शन भी किया। जिला कलक्टर नमित मेहता से एसोसिएशन पदाधिकारियों ने वार्ता की। जिसमें सभी मुद्दों को प्रशासन के समक्ष रखा गया।

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