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बीकानेर, नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ प्लॉट हैल्थ मैनेजमेन्ट हैदराबाद द्वारा कीटनाशक दवा विक्रेता डीलर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाया जा रहा है, जिससे वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सके। इसके लिए रविवार से कृषि अनुसंधान केन्द्र पर पेस्टिसाइड मैनेजमेन्ट के डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है। यह कोर्स 12 सप्ताह चलेगा व प्रत्येक रविवार को स्वामी केशवानन्द कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केन्द्र परिसर में कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार की ओर से के माध्यम से स्वीकृत किया गया है। नोडल ट्रेनिंग इस्टीट्यूट (संस्थान) के तौर पर कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर को चयनित किया गया।
वर्तमान में इसमें जिले के 50 डीलर भागीदारी निभा रहे हैं। पहले दिन अनुसंधान निदेशक डॉ.पीएस शेखावत ने डीलरों को बताया फसलों में किस तरह की कीट लग जाते हैं। उन्होंने बचाव के लिए उपाय व उस पर उपयोग में आने वाले कीटनाशक की जानकारी दी। शेखावत ने बताया कि इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक द्वारा डीलरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वो ऐसे उत्पाद काश्तकारों को दे सकेंगें व उनकी फसल की पैदावार में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त कोर्स के दौरान जो सर्टिफिकेट दिया जाएगा, उससे डीलर अपना स्वयं का स्वरोजगार शुरू कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि हमारे यहां के वैज्ञानिक के द्वारा कीट-रोग प्रबंधन के बारे में सैद्धांतिक व व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी। पेस्टिसाइड की फसल उत्पादन में भुमिका व उनके दुष्प्रभाव के बारे में अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रिय निदेशक डॉ. एस. आर. यादव केन्द्र की गतिविधियां और परियोजनाओं के बारे में अवगत करवाया। वानविकी विशेषज्ञ डॉ. इन्द्र मोहन वर्मा ने डिप्लोमा कोर्स की उपयोगिता के बारे में बताया। संचालन डॉ. बी. डी. एस. नाथावत (पौध व्याधि विशेषज्ञ) ने किया। डॉ. नरेन्द्र सिंह ने आभार जताया।

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