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बीकानेर,शब्दश्री साहित्य संस्थान की मासिक शख्शियत के तौर पर सम्वाद करते हुए प्रख्यात भवई नृत्यांगना मानसी सिंह ने अपने जीवन के जीवन के अनछुए पहलुओं पर खुल कर बात की. मानसी ने अपनी जीवन व कला यात्रा के बहाने समाज मे दोहरे मानदंडों भी पर बेबाकी से अपने विचार रखे तथा अपनी सफलता का श्रेय अपने माँ-पिताजी खास तौर से मां राजकुमारी को दिया । शब्दश्री संस्था की वरिष्ठ साहित्यकार व समालोचक मोनिका गौड़ ने बताया की इस अवसर पर उपस्थित सभी विद्वजनों ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि वह कला की ऊंचाइयां छुए । इस सम्वाद के साक्षी रहे वरिष्ठ साहित्यकार सम्पादक रवि पुरोहित, डॉ. अन्नाराम शर्मा, डॉ बसंती हर्ष, राजराम स्वर्णकार,डॉ राजभारती शर्मा, इंजी आशा शर्मा, डॉ अजय जोशी,जसवंत सिंह राजपुरोहित, नासिर जैदी, सविता गौड़, सुमन ओझा जोशी, राजीव गौतम, अखिलानंद पाठक सहित अन्य गणमान्य लोग।
अतिथियों का स्वागत व परिचय प्रसिद्ध गीतकार व संस्था महासचिव मनीषा आर्य सोनी ने दिया एवं धन्यवाद संस्था की मेंटर डॉ बसन्ती हर्ष ने ज्ञापित किया।

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