श्रीगंगानगर हाईवे के दोनों ओर पिछले 10 सालों से झुग्गी-झौंपड़ी बना लोग बसते गए और प्रशासन सोता रहा। हाईवे के दो किलोमीटर तक हजारों लोगों के बसने के बाद अब उन्हें शिफ्ट करने की मशक्कत शुरू की गई है। दूसरी ओर, शहर के चार स्थानों पर फिर श्रीगंगानगर हाईवे जैसे हालात बनने लगे हैं।
उरमूल डेयरी के सामने करीब 10 साल पहले झुग्गी-झौंपड़ी बनाकर लोगों ने रहना शुरू किया। उस समय प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया और इनकी संख्या लगातार बढ़ती गई। अब हाईवे के दोनों ओर दो किलोमीटर तक सैंकड़ों झुग्गी-झौंपड़ियों में हजारों लोग स्थाई रूप से बस गए हैं तो प्रशासन ने इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। यूआईटी ने इसके लिए कानासर और चकगर्बी में जमीन चिह्नित की है। वहां छोटे प्लॉट का डिमार्केशन किया जाएगा।
दूसरी ओर, शहर में ही कचहरी परिसर के पास, मेडिकल कॉलेज चौराहा, करमीसर फांटा और करणी नगर में श्रीगंगानगर हाईवे की तरह ही कब्जा करने की शुरुआत हो चुकी है और प्रशासन चुप बैठा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने अधिकारियों की मीटिंग में श्रीगंगानगर हाईवे पर बसे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहा था।
श्रीगंगानगर हाईवे पर झुग्गी-झौंपड़ी वालों को शिफ्ट करने के लिए जमीन चिह्नित की गई है। रेवन्यू, पीडब्ल्यूडी और पुलिस के साथ संयुक्त दल बनाकर सर्वे करवाया जाएगा। हाईवे पर झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले लोग कौन और कहां के हैं, इसकी जानकारी जुटाकर शिफ्ट करने की कार्यवाही की जाएगी। – नरेन्द्रसिंह राजपुरोहित, यूआईटी सचिव
जगह-जगह पनपी अवैध बस्तियां नजर अंदाज कर रहा प्रशासन
कचहरी परिसर के पास : जूनागढ़ के सामने ठेले वालों ने सालों से कब्जा जमा रखा था। प्रशासन ने इनको वहां से हटाकर इंदिरा फाउंटेन कचहरी परिसर के पास लगवा दिया जहां शाम होते ही पूरी गली भीड़ के कारण जाम रहती है।
मेडिकल कॉलेज चौराहा : चारों तरफ ठेके-थड़ी वाले जम गए हैं। यहां तक कि निर्माणाधीन श्यामाप्रसाद मुखर्जी मूर्ति परिसर में भी ठेले-थड़ी लगा दिए गए हैं।
गजनेर रोड : पुल के पास से करमीसर फांटे तक सड़क के किनारे अनेक स्थानों पर ईंट-बजरी के ढेर लगे हैं। पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारी करमीसर फांटे के पास पहुंचे और अतिक्रमण करने वालों को चेतावनी भी दी थी, लेकिन असर नहीं दिखा।
करणीनगर : करणीनगर में महापौर सुशीला कंवर के घर से आगे पार्क के सामने खुली पड़ी जमीन पर झुग्गी-झौंपड़ी बनाकर सैकड़ों लोग बस गए हैं।