बीकानेर। संभागीय आयुक्त (डीसी) नीरज के पवन ने बुधवार को मेडिकल कॉलेज में हॉस्पिटल के यूनिट हेड और एचओडी की क्लास ली। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के साथ डॉक्टरों का ऐसा व्यवहार होना चाहिए जैसा डॉक्टर अपने परिजनों के साथ अपने घरों में करते हैं। डीसी ने कहा कि हॉस्पिटल में मरीज और उनके परिजन तभी आते हैं, जब वह बीमारी से परेशान हो। ऐसी परिस्थिति में अगर डॉक्टर का व्यवहार मरीज के साथ बेहतर नहीं होगा तो डॉक्टरों और हॉस्पिटल की छवि मरीज के दिलो-दिमाग में अच्छी नहीं रहेगी। उल्लेखनीय है कि डीसी नीरज के पवन ने हॉस्पिटल का रियलिटी चैक करने के लिए मंगलवार को एफ वार्ड का दौरा किया था।
इस दौरान उन्होंने एक बेड पर तड़पते मरीज का उपचार करने के लिए वार्ड के एक डॉक्टर से कहा तो डॉक्टर बोल पड़ा आप कौन होते हो यह कहने वाले, अपना काम करो। हालांकि बाद में वहां मौजूद एक महिला नर्सिंग को पता चला कि कहने वाला कोई और नहीं डीसी है तो वहां अफरा-तफरी मच गई। हॉस्पिटल के डॉक्टरों की इस कारगुजारी के अगले ही दिन बुधवार को वे मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को नसीहत देने पहुंच गए। बैठक में मौजूद डॉक्टरों ने डीसी से प्रॉमिस किया कि आगे से उनका व्यवहार मरीजों के प्रति अच्छा रहेगा।
सफाई का रखें ख्याल, जल्द दुबारा चैक करूंगा : पवन
डीसी नीरज के पवन ने डॉक्टरों को अपना व्यवहार अच्छा रखने के साथ ही हॉस्पिटल में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने तथा हॉस्पिटल की रिपेयरिंग समय पर करने सहित अन्य हिदायत भी दी। इस अवसर पर उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर भी मौजूद डॉक्टरों से साझा किया कि अगर किसी को कोई परेशानी हो तो वह फोन पर उन्हें बता सकता है। आगामी दिनों में दोबारा हॉस्पिटल का रियलिटी चैक करने की बात कहते हुए डीसी ने अपनी बैठक समाप्त की।