












बीकानेर,सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के संबद्ध प्रिंस बिजय सिंह मेमोरियल (पीबीएम) अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बीसी घीया ने मंगलवार सुबह नर्सिंग स्टाफ की लंबित समस्याओं और प्लेसमेंट एजेंसी के कार्मिकों के मुद्दों पर अहम बैठक ली। बैठक में उप अधीक्षक डॉ. गौरी शंकर जोशी, ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक सामोर, डीसीएनएस सीताराम बंजारा तथा सभी ब्लॉक्स की मैटर्न सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
नर्सिंग ऑफिसर्स की प्रमुख समस्याओं पर फैसले:
– अब कार्य व्यवस्था मे लगे नर्सिंग ऑफिसर्स को आए दिन इधर-उधर शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उनकी ड्यूटी महीने में एक निश्चित दिन फिक्स की जाएगी।
– नाइट ड्यूटी से छूट : एक साल से कम उम्र के बच्चे वाली महिला नर्सिंग ऑफिसर्स और 55 वर्ष से अधिक आयु के नर्सिंग ऑफिसर्स (जो नाइट ड्यूटी नहीं करना चाहें) को नाइट ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त रखा जाएगा। शेष सभी नर्सिंग स्टाफ से नाइट ड्यूटी अनिवार्य रूप से ली जाएगी।
– सभी नर्सिंग ऑफिसर्स को यूनिफॉर्म में प्रॉपर ड्रेस कोड और नेम बैच लगाना अनिवार्य किया गया।
प्लेसमेंट एजेंसी कार्मिकों की उपस्थिति व मॉनिटरिंग अब ब्लॉक मैटर्न करेंगे
बैठक में बड़ा बदलाव करते हुए फैसला लिया गया कि अब प्लेसमेंट एजेंसी से आए कार्मिकों (वार्ड बॉय, सफाई कर्मी, कंप्यूटर कर्मी, व्यस्थापक आदि) की उपस्थिति एवं कार्य की सत्यापन व मॉनिटरिंग का जिम्मा ब्लॉक मैटर्न को सौंपा जाएगा। पहले यह काम एजेंसी का सुपरवाइजर करता था। साथ ही संबंधित ब्लॉक की सफाई व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी भी ब्लॉक मैटर्न की होगी।
नॉन-नर्सिंग कार्यों से नर्सिंग स्टाफ को मुक्ति
नर्सिंग ऑफिसर्स के अधिकांश समय का नॉन-नर्सिंग कार्यों में व्यय होने की पुरानी शिकायत पर अधीक्षक डॉ. घीया ने सख्त कदम उठाया। अब सुपरवाइजर स्टाफ की री-शफलिंग की जाएगी और नर्सिंग ऑफिसर्स की जगह उच्च कुशल श्रमिक (हाईली स्किल्ड वर्कर्स) लगाए जाएंगे ताकि नर्सिंग स्टाफ पूरी तरह मरीजों की देखभाल पर फोकस कर सके।
अधीक्षक डॉ. बीसी घीया ने बैठक में कहा कि इन निर्णयों से नर्सिंग स्टाफ का मनोबल बढ़ेगा और अस्पताल में कार्यक्षमता एवं अनुशासन में सुधार आएगा। सभी फैसले तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों दे दिए गए हैं।
