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बीकानेर,पीबीएम हॉस्पिटल में लॉन्ड्री की निविदा के बाद अब कैंटीन की निविदा भी विवादों में आ चुकी है। हाल ही में अधीक्षक एवं सदस्य सचिव पीबीएम हॉस्पिटल द्वारा पीबीएम चिकित्सालय परिसर के भीतर कैंटीन के कार्य हेतु बोली दाताओं से निविदाएं आमंत्रित की गई थी। उक्त निविदा में अधीक्षक द्वारा जो शर्तें अधिरोपित की जाकर निविदा जारी की गई है उस पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। जिसके कारण फर्म गोमती एंटरप्राइज की प्रोपराइटर शुशीला देवी ने एडवोकेट अनिल सोनी के मार्फत प्रधानाचार्य सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के समक्ष प्रथम अपील दायर की है। अपील में बताया गया है की अधीक्षक द्वारा

इस निविदा की शर्त सं. 4 में यह प्रावधान किया है की बोलीदाताओ को 50/- रूपये के स्टाम्प पेपर पर यह लिखित में देना होगा की बोलीदाता किसी भी विवाद की सूरत में न्यायालय की शरण में नही जायेगा। एडवोकेट अनिल सोनी का कहना है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकरण ऐसी मनमानी शर्त अधिरोपित नही कर सकते जिसमे किसी नागरिक को न्यायालय की शरण में जाने से रोका जाए। ये शर्ते मनमानी और सवैधानिक अधिकारो के विरूद्ध है तथा न्यायालय की विश्वसनीयता, क्षेत्राधिकारिता पर अतिक्रमण करने वाली है। यदि उक्त शर्त को रखा जाता है तो कार्यपालिका एवं व्यस्थापिका निरकुंश हो जायेगी जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में गतिरोध उत्पन्न होगा। उक्त शर्त अपने आप न्यायालय का अवमान करने की शरण में आती है। इसके साथ ही इस निविदा में ठेकेदार द्वारा उपभोक्ताओं को बिल जारी करने के बारे में भी कोई प्रावधान नहीं होने से उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन होगा। जिस पर आज प्रथम अपील पर सुनवाई करते हुए प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज द्वारा इस निविदा पर स्टे जारी करते हुए अधीक्षक डॉ पीके सैनी को 5 अक्टूबर को रिकॉर्ड सहित तलब किया है।

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