बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में इस समय जुगाड़ से काम चल रहा है। यह जुगाड़ अस्पताल स्टाफ के साथ साथ मरीजों को भी पसंद आ रहा है। अगर यह जुगाड़ अस्पताल के सभी वार्डों में लगाया जाए, तो खर्चा भी बच जाएगा और मरीजों को भी भटकना नहीं पड़ेगा। गत दिनों अस्पताल के चिकित्सक किसी काम के लिए पंजाब के अस्पतालों का निरीक्षण करने गए, तो उन्होंने वहां जुगाड़ से लगाई तणी को देखा। इस तणी पर ग्लूकोज तथा रक्त चढ़ाने की बोतलों को तंग आ गया था पीबीएम अस्पताल के इन चिकित्सकों को यह जुगाड़ पसंद आया और यहां आते ही प्रयोग के तौर पर एक वार्ड में तणी लगाई गई इससे मरीजों को यह फायदा हुआ कि आईवी स्टैंड खोजने के लिए उधर इधर भटकना नहीं पड़ रहा है उसके लगाने के फायदे को देखते हुए अब अन्य भागों में भी तणी लगाने की योजना बनाई जा रही है। प्रयोग के तौर पर प्रारंभिक चरण में अस्पताल के ई वार्ड मै तनी लगाई गई है। इस पर करीब 50 से अधिक ग्लूकोज की बोतलों को टांगा जा सकता है। इस तणी के लगाने से मरीजों को यह फायदा हो गया है कि अब स्टैंड कम होने के कारण मरीजों के रिश्तेदारों को ग्लूकोज की बोतलों को हाथ में पकड़ कर खड़े नहीं रहना पड़ता है। एक आइवी स्टैंड की कीमत 1200 रुपए बाजार में एक आइवी स्टैंड की कीमत 1200 रुपए है। ज्यादा पुराना होने पर इस पर जंग भी लग जाती है और बार-बार इधर-उधर करने से टूटने का खतरा भी बना रहता है। अगर एक बार तणी लिया जाएगा। लगाई जाती है, तो इसकी उम्र भी कोविड तथा डेंगू लंबी है। साथ ही मरीज के आड़े भी प्रकोप के दौरान नहीं आती है। वार्ड में एक तरफ तणी मरीजों की लगाने की कीमत करीब पांच हजार आती है।
पंजाब के पटियाला, जालंधर तथा अन्य जिलों के सरकारी अस्पताल में यह जुगाड़ लगा रखा है वहां से देखकर पीबीएम अस्पताल में यह व्यवस्था की गई है। दानदाताओं और चिकित्सकों का सहयोग लेकर अस्पताल के अन्य वार्डों में भी तणी लगाने की योजना है। अस्पताल प्रशासन पहले मेडिसिन वार्डों में तणी टांगने का काम करेगा।
अन्य वार्डो में तणी लगाने के लिए सभी का सहयोग लिया जाएगा कोविड तथा डेंगू प्रकोप के दौरान मरीजों की संख्या अधिक थी ऐसे में तणी ही मरीजों के ग्लूकोज आदि चढ़ाने में बहुत में उपयोगी साबित हुई थी। डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा,अतिरिक्त प्राचार्य