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बीकानेर,सरकार ने पीबीएम अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए दूध-दलिया व भोजन निःशुल्क व्यवस्था कर रखी है लेकिन मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल रही वजह अस्पताल के विभिन्न ब्लॉक में भर्ती होने वाले मरीजों को दूध-दलिया व भोजन के साधन का अभाव है। नतीजतन सैकड़ों भर्ती मरीजों को ना तो दूध मिल रहा है और न ही भोजन जबकि सरकार की ओर से खाद्य सामग्री के लिए बजट दिया जा रहा है।

सरकार पीबीएम में भर्ती मरीजों को दूध-दलिया, खिचड़ी, दाल-रोटी व सब्जी उपलब्ध कराने के लिए हर साल लाखों रुपए का बजट स्वीकृत करती है। इस साल करीब 98 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। यह बजट मार्च तक रहता है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक हर साल बजट घटता-बढ़ता रहता है। वैसे बजट हर साल बढ़ा ही है घटा कभी नहीं। मरीजों को भोजन मिले ना मिले लाखों रुपए का बजट हर साल सरकार दे रही हैं। वर्तमान स्थिति में पीबीएम में भर्ती होने वाले 40 फीसदी मरीजों को भोजन नहीं मिल रहा।

सात ट्रॉली, पांच खटारा

पीबीएम की रसोई में अस्पताल में भर्ती मरीजों को वार्ड में दूध-दलियावभोजन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कुल सात ट्रॉली हैं, जिनमें पांच नकारा है। ऐसे में दो ट्रॉलियों से ही खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है, जिसके चलते सभी वार्डों में दूध दलिया व खाने की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हालात यह है कि वर्तमान में केवल मर्दाना, जनाना,टीबी अस्पताल शिशु व कैंसर अस्पताल में ही खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।

ट्रॉली मिले तो आपूर्ति

रसोई कर्मचारियों व मॉनिटरिंग करने वाले कार्मिकों का कहना है कि साधन संसाधन के बिना मरीजों को भोजन उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता। भोजन वितरण करने वाली ट्रॉलियां नहीं है। दो नई ट्रॉलियां खरीदने के लिए डिमांड बनाकर पीबीएम प्रशासन को दी है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रसोई में कार्मिक भी कम हैं, ऐसे में भर्ती मरीजों को भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल है।

यह सुविधा बढ़ाई जाए

ट्रोमा सेंटर, यूरोलॉजी, मानसिक रोग विभाग, ईएनटी विभाग में दलिया खिचड़ी व भोजन की आपूर्ति नहीं हो रही है। इन विभागों में भोजन की आपूर्ति करने के लिए भोजन वितरण करने वाली ट्रॉलियों के साथ-साथ कर्मचारी बढ़ाने की जरूरत वर्तमान पीबीएम की रसोई में सात ही कार्मिक हैजोखाना बनाने से लेकर वार्डोंवितरण करने तक का काम करते हैं। एक ट्रॉली में कम से कम दो से तीन कार्मिकों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में चार अन्य विभागों में खाने की आपूर्ति करने के लिए 12 और कार्मिकों की आवश्यकता है।

डाइट लिमिट तय नहीं

रसोई के एक कार्मिक ने बताया कि दूध-बिस्किट जनाना व शिशु अस्पताल में दिया जाता है। खिचड़ी व दलिया मरीज अपनी इच्छानुसार
ले सकते हैं। दाल सुबह-शाम दोनों समय दी जाती है। एक हरी सब्जी और रोटी सुबह-शाम के खाने में दी जाती है। रोटियों की संख्या कम से कम चार और अधिकतम मरीज की खुराक पर निर्भर करती है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां मरीज भर्ती हैं, उनके वार्ड इंचार्ज से खाने की डिमांड की जाती है, उसी के अनुरूप खाना तैयार किया जाता है।

हर दिन खाद्य सामग्री की आपूर्ति
करीब डेढ़ से 2 क्विंटल दूध
ढाई सौ से 300 मरीजों को भोजन
दूध दलिया खिचड़ी दाल सब्जी रोटी
सुबह शाम दूध व सब्जी रोटी
जनाना में दूध बिस्किट सुबह

मांग ही नहीं कर रहे विभाग

पीबीएम की रसोई में सभी भर्ती मरीजों के लिए सुविधा है जहां जहां मरीज भर्ती है और वे डिमांड करते हैं तो उन्हें खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। कई विभाग डिमांड ही नहीं कर रहे तो खाना कैसे उपलब्ध कराए जाए बिना डिमांड खाना बनवा लें और कोई ना ले तो वेस्ट जाता है इसीलिए खाना डिमांड के अनुसार ही तैयार करवाया जाता है कोर्ट में भर्ती होने वाले मरीजों को खाना उपलब्ध कराया गया था दो नई क्रोलिया खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है जल्दी खरीदी जाएगी।

डॉ. परमेन्द्र सिरोही, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

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