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बीकानेर, संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में स्टाफ रखने के लिए रास्ता साफ हो गया है। साथ ही मरीजों को भी समय पर दवा और जांच सुविधा में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसे लेकर रविवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को वीसी के माध्यम से व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए। सरकार ने एक अप्रैल से सरकारी अस्पतालों में सीटी स्केन, एमआरआइ सहित कई महत्वपूर्ण जांचों को निशुल्क कर रखा है। ऐसे में पीबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या पहले से और बढ़ गई है। इस वजह से अस्पताल में स्टाफ की कमी से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इन समस्याओं को लेकर मुख्य सचिव ने व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए हैं। वीसी में सभी कॉलेजों तथा अस्पतालों के अधीक्षकों को निर्देश दिए कि जहां पर भी तकनीकी कर्मियों और फार्मासिस्टों की कमी खल रही है, तो उसे पूरी की जाए। इन लोगों को संविदा पर रखा जाए। इसके लिए किसी एजेंसी के मार्फत आवश्यकता के अनुसार पदों को भरा जाए। साथ ही आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति में भी कोई व्यवधान उत्पन्न हो । इसके लिए सरकार को सभी आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजें।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीके सैनी ने बताया कि किसी एंजेसी के माध्यम से तकनीकी कर्मियों तथा फार्मासिस्ट संविदा पर रखे जाएंगे। यह प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी होने की संभावना है। इसके अलावा जयपुर से नर्सिंग कर्मियों की भी नियुक्ति की जाएगी। क्योंकि गत दिनों सरकार के आदेश के बाद प्रतिनियुक्ति पर चल रहे नर्सिंग कर्मियों को उनके मूल स्थान पर भेज दिया था। इस वजह से कई पद रिक्त हो गए। जबकि इस समय अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि आवश्यक दवाइयों की सूची सरकार को भेजी जाएगी। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी दवाइयों की खरीद करने की योजना है ताकि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।

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