बीकानेर,नगर विकास न्यास के विरुद्ध भूमि विवाद से जुड़े एक अवमानना मामले में बीकानेर की एक अदालत ने नगर विकास न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष महावीर रांका और तत्कालीन सचिव आर.के.जायसवाल को एक माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2017 में एक जमीन को लेकर है, जिसमें अदालत की रोक के बावजूद निलामी के लिए अखबारों में प्रकाशन करवाया। दरअसल, 13 सितम्बर 2017 को जमीन विवाद के चलते अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश कख संख्या दो बीकानेर ने एक अंतरिम आदेश दिया था। 13 सितम्बर 2017 को मघाराम उर्फ मेघराज आदि बनाम नगर विकास न्यास आदि के प्रकरण में अदालत ने अंतरिम निषेधाज्ञा, यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। विवादित जमीन का गंगाशहर पुलिस थाना रिसिवर है। उक्त आदेश की पालना करने के बजाय तत्कालीन सचिव आरके जायसवाल और तत्कालीन अध्यक्ष नगर विकास न्यास महावीर रांका ने निलामी के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवाया। जिसको लेकर प्रार्थी मघाराम उर्फ मेघराज द्वारा दिनांक 4 अक्टूबर 2017 को आरके जायसवाल और महावीर रांका के विरुद्ध अवमानना प्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जिसमें 29 अक्टूबर 2021 को दोनों पक्षों की बहस सुनी गई। मंगलवार को पीठासीन अधिकारी हुक्मीचंद गहनोलिया ने आदेश जारी कर मघाराम उर्फ मेघराज की ओर से प्रस्तुत अवमानना याचिका को स्वीकार किया जाकर आरके जायसवाल व महावीर रांका को एक माह के सिविल कारावास से दंडित करने का आदेश पारित किया। इस मामले में प्रार्थी की ओर से एडवोकेट अनिल आचार्य ने पैरवी की।
अभी कलक्टर है जायसवाल
दरअसल, बीकानेर में नगर विकास न्यास सचिव रहते हुए ही जायसवाल आरएएस से आईएएस में प्रमोट हो गए थे। इसके बाद उन्हें धौलपुर कलक्टर के रूप में पदस्थापित किया गया था। वहीं तत्कालीन न्यास अध्यक्ष महावीर रांका कांग्रेस सरकार आने के बाद पद से हट गए थे।