
बीकानेर, जैन धर्मावलम्बियों (जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ, तपागच्छ साधुमार्गी जैन संघ व तेरापंथ का साधना, आराधना, जप, त्याग व तप का 8 दिवसीय पर्युषण पर्व बुधवार को शुरू हुआ। जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र गच्छ पर्युषण पर्व के कार्यक्रम गुरुवार को सुबह नौ बजे रामपुरिया मोहल्ले के उपासरे में वयोवृद्ध साध्वीश्री पद्म प्रभा व सुव्रताश्रीजी के सान्निध्य में शुरू होंगे।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ व तपागच्छ संघ-गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य बुधवार से आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण की आराधना ढढ्ढा कोटड़ी व रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला में शुरू हुई। तपागच्छीय पौषधशाला में पर्व के दौरान नियमित साध्वी शंखनिधि सुबह नौ बजे से प्रवचन करेंगी, प्रतिक्रमण करवाएंगी तथा कल्प सूत्र का वाचन करेंगी।
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई की ओर से सकल श्रीसंघ के सहयोग से आयोजित चातुर्मास में श्रावक श्राविकाओं के सामयिक प्रतिक्रमण, विभिन्न तपस्याओं सफलता, धर्म-ध्यान, जिनालय दर्शन, वंदन व पूजन के लिए विशेष व्यवस्था की है। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया बुधवार को चौविहार (बिना अन्न जल ) के 55 दिन की तपस्या पूर्ण करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी तथा अक्षय निधि व अन्य तपस्याएं करने वाले तप के तपस्वियों की अनुमोदना की गई। तपस्वियों को धार्मिक क्रियाएं मुनि मंथन प्रभ सागर म.सा. ने करवाई।
प्रवचन- गणिवर्य मेहुल प्रभ सागरजी म.सा. ने बुधवार को पर्युषण पर्व के प्रथम दिन कल्याण व शांति मंत्र सुनाते हुए कहा कि ’’सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा किश्चत् दुःख भागग्यभवेत्। मन, वचन व काया से सभी जीवात्मा के सुखी व अभय रहे। किसी जीवात्मा को कष्ट नहीं पहुंचाएं। जीवात्मा स्वयं अपने सुख-दुख की ज्ञाता व भोक्ता है। किसी जीव का अपमान करना, उसे मन,शरीर या शब्दों से पीड़ा या कष्ट पहुंचाना हिंसा है। सभी जीवात्माओं के साथ मैत्री, करुणा व क्षमा का भाव रखें। जीवात्मा के प्रति राग-द्वेष की गांठ नहीं बांधे। उन्होंने कहा कि पर्युषण पर्व हमें आत्म-परमात्मा का बोध करवाता है। हमें हमारी अमूल्य रत्न आत्मा के बोध व मूल्यांकन के लिए पुरुषार्थ करना है। आत्मा के ऊपर चढ़े कषायों (काम,क्रोध,लोभ, मोह, मान व माया) के प्रदूषण व दोषों व बुराइयों को दूर करना है। पाप-पुण्य को समझना है तथा कर्म बंधन से बचना है। पर्युषण पर्व हमें आत्मा के समीप रहने का तथा अपने को पवित्र बनने का संदेश देता है।
पर्युषण आध्यात्मिक पर्व-रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री शंखनिधि ने पर्युषण के प्रथम दिन प्रवचन किए तथा श्रावक-श्राविकाओं को पर्युषण, प्रतिक्रमण, सामयिक, अहिंसा के महत्व, पांच कर्तव्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पर्युषण अपने शरीर मन व आत्मा को शुद्ध करने का महान आध्यात्मिक पर्व है। पर्युषण को अष्टानिका पर्व भी कहते है।
गणिवर्य व मुनिवृंद को गाजे बाजे से – अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई उपाध्यक्ष कमल सेठिया ने बताया कि पर्युषण पर्व के दौरान डागा, सेठिया, पारख मोहल्ले से ढढ्ढा कोटड़ी, प्रवचन स्थल तक गणिवर्य व मुनिवृंद को गाजे बाजे से लाया गया। नियमित गणिवर्य, मुनि व साध्वीवृंद को ढोल ढमाकों के साथ लाया जाएगा। परिषद के सचिव विक्रम भुगड़ी ने बताया कि पर्युषण पर्व के दौरान श्रावकों का महावीर भवन शाम सवा सात बजे महावीर भवन में तथा श्राविकाओं ने सुगनजी महाराज के उपासरे में साढ़े छह बजे सामूहिक प्रतिक्रमण किया।
घर-घर प्रभु दर्शन व नवांगी पूजा- अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के कोषाध्यक्ष अनिल पारख ने बताया कि संगठन के प्रचार प्रसार मंत्री धवल नाहटा व प्रतीक नाहटा के नेतृत्व में पर्युषण महापर्व के दौरान 20 से 27 अगस्त तक लाचार, बीमार व वृद्ध श्रावक-श्राविकाओं के घर जाकर प्रभु दर्शन व नवांगी पूजा का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत मणि प्रभ सूरी के शुभ आशीर्वाद एवं प्रवर्तनी, सज्जनमणि शशि प्रभा की प्रेरणा से खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर शाखा जो 2019 में शुरू की वह निरन्तर चल रही है। प्रथम दिन सुराणों का मोहल्ला क्षेत्र के पुष्पा देवी सेठिया व कमल चंद सेठिया व जय कुमार सुराणा के निवास पर नवांकी पूजा की गई।