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बीकानेर,नगर निगम शहर में अभी तक ट्रेड लाइसेंस के लायक करीब सवा दो सौ केन्द्रों को वैलिड मानता है। यही वजह है कि निगम से अब तक करीब 80 लोगों ने लाइसेंस लिए हैं। कुछ समय पहले 150

को लाइसेंस बनवाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे।
दरअसल 2017 का एक नियम के तहत सरकार ने रेजिडेंशियल इलाके में चल रहे कमर्शियल सेंटर को ट्रेड लाइसेंस की छूट दे रखी है। बीकानेर में होटल, रेस्टोरेंट समेत कुछ ही सेंटर्स को ट्रेड लाइसेंस के

दायरे में लिया गया है। हालांकि जिम, पार्लर, स्वीमिंग पूल जैसे केन्द्रों को भी ट्रेड लाइसेंस लेना होता है लेकिन बीकानेर नगर निगम ने अब तक इसके बायलाज ही नहीं बनाए। ये निगम की साधारण सभा की

बैठक में पारित होता है। अगर ऐसा होता है तो करीब 500 लोगों को ट्रेड लाइसेंस बनवाने होंगे।
इससे निगम को प्रति वर्ष करीब 30 से 40 लाख रुपए की आय हो सकती है लेकिन निगम प्रशासन खुद ही बायलाज नहीं बनाकर राजस्व की हानि पहुंचा रहा है। हैरान करने की वाली बात ये भी है कि पिछले

दिनों जो 150 नोटिस जारी किए गए उनमें से 100 के करीब ऐसे केन्द्र निकले जो आवासीय क्षेत्र में चल रहे हैं। सरकार ने आवासीय क्षेत्र में चल रहे कमर्शियल सेंटर को ट्रेड लाइसेंस बनवाने से छूट 2017 में दे रखी है। इसका एक सर्कुलर सामने आया है। ऐसे में निगम प्रशासन सरकार के नियमों के कारण हाथ पर हाथ रखे बैठा है।

अभी चार से पांच लाख की कमाई
फिलहाल निगम पांच से छह लाख रुपए ही साल में ट्रेड लाइसेंस से कमा रहा है लेकिन निगम बायलाज पारित कर जिम, ब्यूटी पार्लर, स्विमिंग पूल समेत कुछ और केन्द्रों को लाइसेंस बनवाने के लिए

अनिवार्य करता है तो ये आय बढकऱ 35 से 40 लाख तक हो सकती है। आवासीय क्षेत्र में चल रहे होटल-रेस्टोरेंट को ट्रेड लाइसेंस बनवाने के लिए निगम ने सरकार से गाइड लाइन मांगी है।

ये बिलकुल सही है कि हमने निगम के विकास के मुद्दे पर सोचा नहीं। अगर प्रमुख लोग विवादों की बजाय शहर के विकास पर ध्यान दें तो बहुत कुछ हो सकता है। बायलॉज बनाकर या अभी सरकार ने 100 फीट रोड पर सेंटर को कमर्शियल मानकर ट्रेड लाइसेंस जारी करने की छूट दी है। ट्रेड लाइसेंस से आय बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। गोपालराम बिरदा, आयुक्त निगम

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