जयपुर। देश की आजादी के 3 साल बाद सन 1950 को देश के प्रत्येक नागरिकों के अधिकारों को संरक्षण करने एवं स्वतंत्र भारत मे लोकतंत्र की आवाज को मजबूत रखने को लेकर आज ही के दिन 26 जनवरी को देश का संविधान स्थापित किया गया था और गणतंत्र दिवस की स्थापना की गई थी। आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने की मांग को लेकर निवारू रोड़ स्थित सेंट एंसलम स्कूल नार्थ सिटी के अभिभावक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर करधनी थाने पहुंचे और थानाधिकारी बीएल मीणा से मुलाकात की और स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा कार्यवाही की मांग की। इस दौरान संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, नरेंद्र सांखला, पंकज अग्रवाल, सुशील गुप्ता, प्रविंद्र सिंह चौहान, अभिषेक सेंगर, सुरेश चंद्र, जितेंद्र सिंह, विजय सिंह, बसंत रांका, संजय सोनी, बालकृष्ण शर्मा, मोहित आडवाणी, श्रीमती ज्योति कंवर, चंचल कंवर, अर्पणा शर्मा सहित अन्य अभिभावक भी थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश 03 मई 2021 को आया था उसके बाद 1 अक्टूबर 2021 को दुबारा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को किलियर किया, उसके बावजूद आज दिनांक तक भी ना राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करवाया, ना राज्य प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाई और इसी के चलते प्रदेशभर के निजी स्कूल मनमाने तरीके से अभिभावकों के साथ दुर्व्यवहार कर ना केवल प्रताड़ित और अपमानित कर रहे बल्कि छात्र-छात्राओं की कक्षाओं को बंद कर, परीक्षाओ को रोककर अभिभावकों पर मनमानी फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 03 मई 2021 को अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि राज्य के प्रत्येक स्कूलों को फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करते हुए सत्र 2019-20 की फीस का 85 प्रतिशत सत्र 2020-21 चार्ज कर सकेंगे और इस दौरान कोई भी स्कूल संचालक फीस के अभाव में किसी भी छात्र-छात्राओं की ना कक्षा बन्द कर सकते है ना पढ़ाई रोक सकते है और ना ही परीक्षा से वंचित कर सकते है इन सब के बावजूद राज्य सरकार और प्रशासन के संरक्षण के चलते स्कूल संचालक लगातार दबाव बना रहे है, सेंट एंसलम स्कूल के 300 से अधिक छात्र-छात्राओं की कक्षाएं और पढ़ाई स्कूल प्रशासन ने रोक रखी है। जब स्कूल प्रशासन ने ना फीस एक्ट से सम्बंधित कोई जानकारी नही दे रहे है और कक्षाएं बन्द कर रहे है तो अभिभावक स्कूल किस बात की फीस देंवे। जब बच्चो को पढ़ाई ही नही करवा रहे है तो अभिभावक पूरी फीस क्यो देंगे। इन्ही शिकायतों को लेकर गणतंत्र दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाने की मांग को लेकर करधनी थाने पर शिकातय दर्ज करवा स्कूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई।
*गणतंत्र दिवस का दिखावा और माफियाओं का संरक्षण कर, लोकतंत्र को कुचल रही है राज्य सरकार*
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि दो वर्षों से प्रदेशभर का अभिभावक अपने अधिकारों के संरक्षण की लड़ाई लड़ रहा है राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने निजी स्कूलों की फीस मसले पर अपना आदेश दे दिया है उसके बावजूद आज 9 महीनों बाद भी अभिभावकों को राहत नही मिल रही है प्रदेश का अभिभावक ना राज्य सरकार कोई राहत मांग रहा है ना स्कूल से कोई रियायत मांग रहा है अभिभावकों की एकमात्र मांग सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करने की मांग है जिसका सम्मान ना राज्य सरकार कर रही है ना प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना तय करवा रहा है। जिसके चलते आज प्रदेश के निजी स्कूल अभिभावकों और छात्रों के भविष्य को कुचलने और खिलवाड़ करने पर उतारू है। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में लोकतंत्र की दुहाई देकर गणतंत्र दिवस का दिखावा तो कर रहे है किंतु बन्द कमरों में बैठकर स्कूलों के माफियाओं को संरक्षण देकर उनकी कठपुतली बने हुए है और राज्य के लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रहे है।