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बीकानेर,जयपुर। राइट टू एजुकेशन अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने जिन जरूरतमंद और गरीब परिवारों के बच्चों के नामांकन मांगे थे और 9 अप्रैल 2025 को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एवं विभाग के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति जिन विद्यार्थियों का चयन कर लॉटरी सिस्टम के माध्यम से दाखिले दिए गए थे उन सभी को शिक्षा का मौलिक अधिकार अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। जिसके चलते अभिभावकों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है और खुले तौर 2 अगस्त को जब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से मुलाकात की थी तो उस दौरान स्पष्ट शब्दों में उन्हें अवगत करवा दिया गया था कि अगर 7 दिनों में अभिभावकों को न्याय नहीं मिला तो 11 अगस्त से संयुक्त अभिभावक संघ के नेतृत्व में सभी पीड़ित अभिभावक और विद्यार्थी शिक्षा संकुल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ जाएंगे, इसके बाद भी अगर राज्य सरकार के कानों पर जू नहीं रेंगी तो अभिभावक आमरण अनशन तक करने को तैयार है।

संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने को लेकर राइट टू एजुकेशन (आरटीई) अधिनियम लेकर आया गया था किंतु आज स्थिति यह हो गई हैं कि शिक्षा विभाग ने अभिभावकों के दो से तीन हजार रु खर्च करवा दिए, तीन महीनों से स्कूल, शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री के ठोकरें खिलवा रहे है उसके बावजूद बच्चों को उनका मौलिक अधिकार नहीं दे रहे हैं। अभिभावक लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं किंतु शासन और प्रशासन के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है। अभी 17 जुलाई को शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आरटीई में चयनित अभी विद्यार्थियों के दाखिले सुनिश्चित करवाने के आदेश दिए थे और साथ ही उस आदेश में यह भी निर्देश दिया था कि जो भी निजी स्कूल दाखिला देने से मना करे उन सभी स्कूलों पर कार्यवाही सुनिश्चित करवाई जाए। विभाग के आदेश आए 21 दिन बीत जाने के बावजूद ना बच्चों को दाखिले मिले, ना स्कूलों पर कार्यवाही की गई, अभिभावकों के साथ स्थिति यहां तक बन आई है कि वह मानसिक तनाव से ग्रसित हो रहे है प्रताप नगर में रहने वाले एक अभिभावक तो डिप्रेशन तक शिकार हो गए है और हॉस्पिटल तक में भर्ती हो रखे है। क्योंकि चार महीने से ना उनके पास कोई काम धंधा था और अब तीन महीनों से बच्ची की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई हैं जिसके चलते वह तनावग्रस्त हो गए अब उनका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। स्कूलों का सत्र प्रारंभ हो चुका डेढ़ महीने बीत जाने के बावजूद आरटीई में दाखिला प्राप्त बच्चों ने अभी तक स्कूल तक में प्रवेश नहीं किया है। ऐसे अब अभिभावक ना केवल मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं बल्कि बच्चों के दबाव में आकर तनावग्रस्त भी हो रहे है।

*संयुक्त अभिभावक संघ के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलेंगे सैकड़ों अभिभावक*

अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात का समय मांगा गया है और आरटीई में दाखिले को लेकर समर्थन मांगा जाएगा, शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री अभिभावकों से मुलाकात कर सकते है। जिसमें शहर के सैकड़ों अभिभावक पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले पर एकत्रित होंगे और सभी अभिभावक बच्चों समेत उपस्थित होकर अपनी विडंबना सुनाएंगे, इस दौरान पूर्व राष्ट्रीय सचिव, कांग्रेस संजय बापना, संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, महामंत्री संजय गोयल सहित सैकड़ों की संख्या ने अभिभावक उपस्थित रहेंगे।

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