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बीकानेर,बीकानेर प्रवास पर आए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने मुलाकात कर आरटीई के अंतर्गत सत्र 2018-19 से लगाए गए सभी बैरियर्स हटाने, सत्र 2020-21 के अंतर्गत आफलाइन तरीके से शिक्षण कार्य कराने वाले वाले स्कूल्स को बिना शर्त
भुगतान करने, यूनिट कॉस्ट में वृद्धि करने तथा बकाया भुगतान शीघ्रता से करने हेतु वार्ता की तथा ज्ञापन प्रस्तुत किया।
ज्ञापन में आरटीई के भुगतान संबंधित समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु 6 बिंदुओं पर शिक्षामंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया है। खैरीवाल के मुताबिक शिक्षामंत्री ने सभी मांगों को ध्यान पूर्वक सुना एवं एक एक बिंदु पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे इस संबंध में यथोचित कार्यवाही हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। इस दौरान 30 नवंबर 2019 एवं उसके बाद के सभी बैरियर्स हटाने की मांग को पुरजोर रूप से प्रस्तुत किया गया। खैरीवाल ने शिक्षामंत्री को अवगत कराया कि आरटीई के अंतर्गत सत्र 2020-21 के तहत भुगतान के लिए लागू की गई प्रक्रिया आधी अधूरी थी और वैधानिक भी नहीं थी। बिना दिशा निर्देशों एवं गाईडलाईंस के जारी इस प्रक्रिया के तहत लगभग पचास प्रतिशत स्कूल पोर्टल पर आनलाईन शिक्षण सत्यापन प्रक्रिया के अंतर्गत अपने अपने स्कूल की रिपोर्ट अपलोड नहीं कर सके। हजारों स्कूल्स द्वारा इस संबंध में शिक्षा विभाग को जरिए ईमेल अपनी मजबूरी से अवगत भी करा दिया था। अतः सत्र 2020-21 के अंतर्गत अध्ययन करने वाले भुगतान से वंचित समस्त स्टूडेंट्स, जो स्कूल अपरिहार्य कारणों से जानकारी अपडेट नहीं कर सके और जिन्होंने पोर्टल को भूलवश गलत फीड कर दिया का भुगतान बिना किसी शर्त के अतिशीघ्र ही कराने के निर्देश जारी कराएं। सत्र 2020-21 के अंतर्गत आरटीई का भौतिक सत्यापन सत्र 2021-22 के भौतिक सत्यापन के साथ ही कर लिया गया था। इस सत्यापन प्रक्रिया के दौरान पात्र समस्त स्टूडेंट्स, जो स्कूल अपरिहार्य कारणों से जानकारी अपडेट नहीं कर सके और जिन्होंने पोर्टल को भूलवश गलत फीड कर दिया का भुगतान बिना किसी शर्त के अतिशीघ्र ही कराने के निर्देश जारी कराएं। सत्र 2020-21 के अंतर्गत आरटीई का भौतिक सत्यापन सत्र 2021-22 के भौतिक सत्यापन के साथ ही कर लिया गया था। इस सत्यापन प्रक्रिया के दौरान पात्र समस्त स्टूडेंट्स को शीघ्र से शीघ्र भुगतान के आदेश शिक्षा विभाग के माध्यम से तुरंत प्रभाव से जारी कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने शिक्षामंत्री को बताया कि आरटीई प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अब तक भुगतान से वंचित या अन्य किसी भी तकनीकी समस्या के कारण पोर्टल पर भौतिक सत्यापन रिपोर्ट दर्ज नहीं कर सकने वाले स्कूल्स को एक अवसर और दिलवाया जाना चाहिए। साथ ही मांग की कि आरटीई के अंतर्गत प्री प्राईमरी कक्षाओं में अध्ययन कर रहे स्टूडेंट्स की फीस का भुगतान भी किया जाना चाहिए। यूनिट कॉस्ट में समुचित वृद्धि की मांग करते हुए खैरीवाल ने शिक्षामंत्री को बताया कि यूनिट कॉस्ट पिछले तीन सत्रों से यथावत है, अतः यूनिट कॉस्ट का निर्धारण उचित तरीके से करवाते हुए यूनिट कॉस्ट में वृद्धि की जानी चाहिए। खैरीवाल के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री से हुई मुलाकात के दौरान रघुनाथ बेनीवाल भी साथ थे।

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