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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान पारीक चोक एवं बाबा रामदेव मन्दिर सुथारान पंचायत भवन चोंखुटी मोहल्ला के संयुक्त तत्वावधा में हो रही श्री मद भागवत सप्ताह कथा हो रही हे। सद्ग्रहस्थ संत मनुजी महाराज के संरक्षण मे कथा का वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज के मुखारविन्द से हो रहा है। आज भागवत पोथी पुजन व तिलक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हरिकिशन नागल किरण देवी नागल जोड़े सहित करवाया गया। तत्पश्चात छठवें दिन की कथा वाचन करते हुवे बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज द्वारा उद्धव गोपी संवाद द्वारा बालसंत ने बताया कि कभी भी जीव ओर ज्ञानउपरोक्त कथा व्याख्या के साथ-साथ महाराज ने पंच अध्याय रासप्रसंग की विस्तृत व्याख्या करते हुए बतलाया, कि भगवान कृष्ण का गोपियों के साथ किया गया महा रास प्रसंग जीवात्मा के साथ परमात्मा के मिलन की अद्भुत लीला माना जाता है।।भगवान के उपरोक्त “महारास लीला काम पर विजय प्राप्त करने की लीला का नाम महारास” प्रसंग बतलाया गया है,, अज्ञानता वश कुछ जीव ऐसे काम की लीला मानते हैं जो कि सर्वथा अनुचित है।।साथ ही साथ गोपी और राधा के मन में अहंकार आने पर भगवान श्री कृष्ण द्वारा महारास के मध्य उनको छोड़कर जाने की शिक्षा के द्वारा जीवो को बतलाया,,”कि जीवन में कभी भक्ति पथ पर अहंकार नही करना चाहिए। भक्त को सदेव प्रेममय भक्ति करनी चाहिए।। उपरोक्त प्रसंग महारास लीला के मध्य में पंडाल के अनेक श्रद्धालु गोपी गीत एवं विरह प्रसंग में बाल संत जी की विरहलीला के साथ गोपियों का भगवान कृष्ण का अंतर्ध्यान होना रासलीला से की बिरह कथा प्रसंग में पहले तो सभी भक्त जनों के आंखों से अश्रु की धारा में पड़ी।तत्पश्चात भगवान कृष्ण के द्वारा कंस का वध कर उद्धार गोपी उद्धव संवाद की कथा बतलायी गई।तत्पश्चात भगवान मथुरा छोड़कर संदीपनी मुनि के आश्रम जाकर 64 दिनों में 64 कलाओं की शिक्षा प्राप्त करने की कथा वहीं पर भगवान का सुदामा के साथ मित्रता होने की कथा, तत्पश्चात मथुरा में जरासंध के साथ युद्ध को छोड़ भगवान का भागकर द्वारिका जाकर बसने की कथा,तत्पश्चात भागवत कथा माध्यम से द्वारिका में भगवान कृष्ण के 16108 विवाह की कथा मैं मुख्य रूप से भगवान कृष्ण का रुक्मणी के साथ विवाह की कथा सजीव झांकियों के साथ विवरण किया गया। कथा मे समाज सेवी नवरत्न धामु,हरिकिशन नागल ओमप्रकाश कुलरिया, देेवकिशन गैपाल, नितेश आसदेव,एवं नंदनंदनी सीमा पुरोहित संपूर्ण कथा मैं व्यवस्था संभाल रहे हैं। उपरोक्त जानकारी हरिकिशन नागल द्वारा दी गई।

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