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बीकानेर रियासतकाल से बीकानेर की पारंपरिक चित्रकारी की अपनी पहचान रही है। यहां के कलाकारों की सिद्धहस्त चित्रकारी शहर के महलों, हवेलियों, मंदिरों में आज भी चटकीले रंगों, बारीकी के कारण लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। शहर के मोहल्ला चूनगरान के कलाकारों ने मुगल, राजपूत शैली में सोने की कलम, रोगानी, आलागिला चित्रकारी में विशेष ख्याति अर्जित प्राप्त है। अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती (रह.) की दरगाह में बीकानेरी गोल्डन कलम का काम
चल रहा है। ख्वाजा साहब के मुख्य आस्ताना शरीफ से जुड़ी मस्जिद में यह गोल्डन वर्क मोहल्ला चूनगरान निवासी युवा चित्रकार अकबर अली कर रहे है ।

पिछले दो माह से चल रहे इस काम में संदली मस्जिद की छतों के साथ मुख्य मेहराब में सुनहरी कलम से चित्रांकन किया गया है। इसकी परिकल्पना और डिजाइन अकबर ने तैयार की है। अकबर ने वरिष्ठ कलाकार रोशन पेंटर, जावेद के सानिध्य में यह काम सीखा है। अकबर के अनुसार अजमेर शरीफ में संदली मस्जिद में काम करना जीवन का यादगार काम है।

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