
बीकानेर,रेत के अनंत विस्तार में जब लोक देवता बाबा रामदेव जी की जयकारों के साथ सेकड़ों – हजारों पदयात्री रुणिचे धाम की ओर बढ़ते हैं तो यह दृश्य केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था का अथाह सैलाब प्रतीत होता है। 20-20 फुट ऊँची धर्मध्वजाएँ हवा संग लहराती हैं और भक्तजन की थकान भी भक्ति की लहरों में बह जाती है। ऐसे पावन अवसर पर स्व. गोमा देवी चमड़िया चैरिटेबल फाउंडेशन ने रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स के सहयोग से लाखूसर मार्ग पर विशाल सेवा शिविर स्थापित कर श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम रच दिया है। यह शिविर जहाँ एक ओर बाबा रामदेव की डगर पर समर्पण की मिसाल है, वहीं दूसरी ओर पदयात्रा को परमार्थ यात्रा में बदल देने वाला सेवाभाव का दीप भी है। रेगिस्तान की तपिश में यह शिविर भक्तों को शीतलता, ऊर्जा और विश्वास प्रदान करता है—जहाँ थकान मिटती है, मनोबल बढ़ता है और आस्था और सेवा का महाकुंभ अपनी पूरी गरिमा के साथ प्रवाहित होता है।
लोकदेवता बाबा रामदेव जी के पावन धाम रुणिचे की ओर जब हजारों श्रद्धालु 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करते हुए पद यात्रा पर निकलते हैं, तो वह केवल एक यात्रा नहीं होती, बल्कि आस्था का अभूतपूर्व सैलाब बन जाती है। सैकड़ों किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर लोकदेवता बाबा रामदेव के चरणों में समर्पित भाव से 20-20 फुट ऊँची धर्मध्वजाएँ लहराती हैं और भक्तजन गीत, भजन और जयकारों के साथ वातावरण को रामदेवमय कर देते हैं। इन्हीं पद यात्रियों की सेवा और सुविधा के लिए स्व. गोमा देवी चमड़िया चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा, रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स के सहयोग से, विशाल सेवा शिविर का आयोजन किया गया है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष सुनील चमड़िया ने बताया कि यह सेवा शिविर शोभासर बीकानेर रोड से 40 किलोमीटर दूर लाखूसर गांव के प्रमुख मार्ग पर 19 अगस्त 2025 से प्रारंभ किया गया है। शिविर में भक्तों के लिए चौबीसों घंटे घर जैसा स्वादिष्ट और विविधतापूर्ण भोजन, चाय-नाश्ता, स्नान-विश्राम की व्यवस्था तथा चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान थकान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार, मरहम-पट्टी, ब्लड प्रेशर और शुगर जांच, दर्द निवारण हेतु एक्यूप्रेशर व अन्य साधनों की सुविधा भी उपलब्ध है।
रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स के सचिव विपिन लड्ढा ने बताया कि शिविर में अध्यक्ष सुनील चमड़िया सहित मुकेश छिम्पा, संपत बाफना, यशवंत सेठिया, विमल सेठिया, श्याम बन, बिज्जू सांखी, नारायण सांखी, घनश्याम पारीक, छगन राजपुरोहित, मुना सांखी, रमजान अली, रोहित बिश्नोई, दीपेश छिम्पा, मनीष चमड़िया, अजय छिम्पा, प्रकाश छिम्पा, नितेश रंगा, गजेंद्र छिम्पा, नेहा चमड़िया, कोमल राजपुरोहित और अंजली छिम्पा जैसे अनेक सेवाभावी साथी लगातार सेवा कार्य में लगे हुए हैं। यहां दिनभर चाय, कॉफी, नींबू शरबत, ब्रेड-बिस्किट, बूँदी, पकोड़ी, कोफ्ते जैसी व्यंजन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, वहीं भोजन में देशी घी से बनी दाल-बाटी, आलू व मिक्स सब्ज़ियाँ, दही, अचार, भुजिया, चावल आदि का विशेष प्रबंध रहता है। रात्रि भोज के लिए भी भरपूर व्यवस्था की गई है।
भक्तों के लिए 300 से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था, महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक शौचालय, एक साथ 100 मोबाइल चार्ज करने की सुविधा तथा ठंडे पेयजल की असीमित आपूर्ति उपलब्ध है। शिविर स्थल पर 25,000 लीटर की शीतल जल टैंकर सदैव खड़ा रहता है, साथ ही 15 किलोमीटर के दायरे में घूम-घूमकर जल आपूर्ति करने के लिए 2 गाड़ियाँ भी सक्रिय रहती हैं। इस सेवा शिविर ने रेगिस्तान की तपती धूप और लंबी पदयात्रा में भक्तों के लिए ठंडक, राहत और ऊर्जा का संचार किया है।
बाबा रामदेव के पदयात्रियों के लिए इस विशाल सेवा शिविर का आयोजन केवल सेवा नहीं बल्कि आस्था, समर्पण और लोकदेवता के प्रति अमिट श्रद्धा का प्रतीक बन गया है।