महाजन.जिले के अंतिम छोर पर बसे एक छोटे से गांव ढाणी छिपलाई में एक परिवार के लिए शनिवार का दिन मौत का पैगाम लेकर आया। एक ओवरलोड ट्रेलर के नीचे दबने से एक भरा-पूरा परिवार उजड़ गया। सुबह घर से हंसते-मुस्कुराते हुए जगदीश
भादू अपनी पत्नी व दो पुत्रियों के साथ ऊटगाई पर सवार होकर चकजोड़ के पास स्थित अपने खेत के लिए निकला थे लेकिन राणीसर के पास ओवरलोड ट्रेलर ने सबकुछ खत्म कर डाला। मौके पर मौजूद सैकड़ों ग्रामीण व पुलिसकर्मियों सहित प्रशासन के आला अधिकारी व्यवस्थाओं के अभाव में महज लाचार बने देखते रहे। गौरतलब है कि राजमार्ग संख्या 62 परव अरजनसर-पल्लू मेगा हाइवे पर बजरी व ग्रीट सहित जिप्सम से भरे सैकड़ों ओवरलोड ट्रेलर सरेआम सरपट दौड़ते नजर आते हैं लेकिन इनके खिलाफ ना तो पुलिस व ना ही
परिवहन विभाग कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाता है। इसका खामियाजा ढाणी छिपलाई के जगदीश भादू, उसकी पत्नी लक्ष्मी व पुत्री कृष्णा को जान देकर भुगतना पड़ा। वहीं एक पुत्री जिविका जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
व्यवस्था की खुली पोल
राणीसर गांव के पास ऊंटगाड़े पर गिरे ग्रीट से भरे ओवरलोड ट्रेलर के नीचे दबी चार जिंदगियों को निकालने के लिए मौके पर साधन नहीं मिले। कुछ ही दूर अरजनस -पल्लू मेगा हाइवे पर स्थित टोल नाके पर जेसीबी,हाइड्रा व एम्बुलेंस की सुविधा नहीं होने से मौके पर उपस्थित लोग आक्रोशित हो गए व टोल कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। लोगों ने कहा कि टोल कम्पनी महज टोल वसूलने पर ध्यान दे रही है। जबकि यहां आपातकालीन सुविधाएं होनी अनिवार्य है।
लाचार बनी रही पुलिस व ग्रामीण
करीब 1200 क्विंटल ग्रीट ऊंटगाड़े पर सवार परिवार पर गिरने से देखते ही देखते सब कुछ तबाह हो गया। हालांकि मौके पर कुछ ही देर में सैकड़ों ग्रामीण पहुंच गए लेकिन ग्रीट हटाने के लिए कोई साधन नहीं मिला जिससे सब बेबस नजर आये। एक सड़क कार्य में लगी जेसीबी को बुलाकर ग्रामीणों ने करीब डेढ़-दो घण्टे बाद नीचे दबे पति-पत्नी व उनकी दो पुत्रियों को निकाला। तब तक तीन ने दम तोड़ डाला। हालांकि मौके पर वृताधिकारी नारायणसिंह बाजिया, तहसीलदार द्वारकाप्रसाद शर्मा, सीआई रमेश कुमार न्योल, अरजनसर पटवारी अशोक सियाग सहित सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण ओझा, पूर्व उपप्रधान शिवरतन शर्मा, हजारीराम बाना, जालूराम सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी व ग्रामीण जुटे रहे।
सीने से बेटियों को चिपकाकर तड़पती रही मां
जैसे ही ट्रेलर के रूप में मौत को देखा तो ऊंटगाड़े पर सवार जगदीश भादू की पत्नी लक्ष्मी ने दोनों मासूम बच्चियों को सीने से चिपका लिया। हालांकि लक्ष्मी देवी के शरीर का कुछ हिस्सा ग्रीट से बाहर रहा लेकिन ज्यादातर हिस्सा दब गया। वह तड़पती व मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन सब बेबस नजरों से देखते रहे व उसने खुद व बेटियों को बचाने के लिए संघर्ष करते-करते दम तोड़ डाला।