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बीकानेर, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के अधीन 7 कृषि विज्ञान केन्द्रों के विषय वस्तु विशेषज्ञों का 21 दिवसीय ओरिएन्टेशन प्रशिक्षण शुक्रवार 21 जुलाई से प्रारम्भ हुआ। यह जानकारी देते हुए विश्वविधालय के मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ. एस.आर. भूनिया ने बताया कि इस प्रशिक्षण में उद्यानिकी, गृह विज्ञान, शस्य विज्ञान, पौध संरक्षण, मृदा विज्ञान एवं पशुधन प्रबंधन विषय के 14 विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं जिन्हें विश्वविद्यालय सेवा नियमों, तय लक्ष्यों, कृषि क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों, नवाचारों, खरीददारी के नियमों एवं भंडार प्रबंधन, बीज उत्पादन, कृषि में बौद्धिक सम्पदा अधिकार, बजट प्रबंधन, ऑडिट नियमों, अनुसंधान परियोजनाओं के प्रस्ताव बनाने, सांख्यिकी अंकेक्षण, ई-प्रोक्योरमेन्ट, नर्सरी प्रबन्धन, सन्तुलित आहार, शोध पत्र लेखन, आयकर नियमों, कार्य स्थल पर लिंग संवेदनशीलता, सार्वजनिक सम्बोधन, कृषि व्यवसाय प्रबन्धन, कृषि की प्रमुख चुनौतियाँ, शिक्षा एवं प्रसार गतिविधियों में डिजिटल उपकरणों के उपयोग, मूल्य संवर्धन आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. अरूण कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र अपने जिले की किन्ही दो प्रमुख कृषि तकनीकों का चयन कर अपने अधिकार क्षेत्र में उनके प्रक्षेत्र प्रदर्शन लगाकर प्रचारित करें। उन्होंने सर्वोत्तम कृषि विज्ञान केन्द्र को 15 अगस्त के अवसर पर पुरस्कृत करने की घोषणा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजीव श्रीवास्तव, मण्डल रेल प्रबन्धक, बीकानेर ने कहा कि छोटी होती जोत के साथ खाद्य सुरक्षा देना देश के वैज्ञानिकों के सामने एक बड़ी चुनौती है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के नवाचारी प्रदर्शर्नों व प्रशिक्षणों की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। किसानों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिये विशेषज्ञों को कार्य के साथ-साथ साधना के तौर पर इसे लेना होगा। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुभाष चन्द्र ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र अलग-अलग कृषि जलवायु खण्डों में स्थित हैं अतः जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से कृषि में वांछित परिवर्तन पर ध्यान देने की आवश्कता है। इस अवसर पर सभी निदेशक, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, एवं प्राध्यापक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजु राठौड़ ने किया तथा डॉ. अदिति माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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