बीकानेर, आज का युग आर्थिक आत्मनिर्भरता का युग है और व्यावसायिक कौशल आर्थिक आत्मनिर्भरता का मुख्य आधार है। ये उद्बोधन आयोजन के मुख्य अतिथि प्रख्यात उद्यमी एवं फ्लेम गैस सर्विस के संस्थापक श्री लीलाधर श्रीमाली ने जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आयोजित सतत विकास के लिए कौशल सीखना कार्यक्रम मंे व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि श्री लीलाधर श्रीमाली ने संभागियों के साथ कौशल संवाद स्थापित करते हुए कहा कि हाथ का हुनर सबसे बड़ी पूंजी है। इसे कोई भी चूरा या छीन नहीं सकता। इसलिए जन शिक्षण संस्थान के विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत हाथ का हुनर सीखें और आत्मनिर्भर बनें। इसके साथ ही श्रीमाली ने गैस चूल्हे एवं सिलेंडर के उपयोग से जुड़ी सावधानियों एवं सुरक्षा मानकों की जानकारी भी दी।
अध्यक्षीय उद्बोधन में जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष श्री अविनाश भार्गव ने कहा कि आज का युग आर्थिक आत्मनिर्भरता का युग है और व्यावसायिक कौशल आर्थिक आत्मनिर्भरता का मुख्य आधार है। हम जो भी सीखें उसमें बाजार की मांग के अनुसार नया जोड़ते जाएं ताकि हमारे हुनर की मांग हमेंशा बनी रहे।
विशिष्ट अतिथि फ्लेम गैस सर्विस के मुख्य प्रबंधक श्री स्वरूपसिंह ने कहा कि युवाओं को पढ़ाई के साथ व्यावसायिक कौशल के प्रति भी जागरूक होना चाहिए।
संस्थान के निदेशक ओम प्रकाश सुथार ने कहा कि इस बढ़ती बेरोजगारी के युग में हमें स्किलिंग, रिस्किलिंग एंड अपस्किलिंग का संकल्प ही आर्थिक रूप से मजबूत बनाए रख सकता है।
संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने विश्व युवा कौशल दिवस के संदर्भ में कहा कि हमारी हर विशिष्टता किसी न किसी प्रकार का कौशल है। इसलिए हमें अपनी विशिष्टता को निरंतर तराशते रहना चाहिए।
प्रथम सत्र में तकनीकी विशेषज्ञ श्री जावेद द्वारा संभागियों को सिलाई मशीन की सामान्य रिपेयरिंग का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद फ्लेम गैस सर्विस एजेंसी के श्री पूनमसिंह द्वारा गैस चूल्हे की सामान्य रिपेयरिंग का प्रदर्शन किया गया।
इसी क्रम में संस्थान के कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य ने कहा कि आज का युग तकनीकी विशेषज्ञता का है इसलिए हमें आधुनिक तकनीकों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए।
संस्थान की संदर्भ व्यक्तियों की ओरसे रेशमा वर्मा, अमनदीप कौर, दरविन्द्र कौर और प्रीति व्यास ने भी कौशल विकास कार्यक्रमों को महिलाओं की पहचान के लिए मजबूत आधार बताया। संस्थान के लेखाकार लक्ष्मीनारायण चूरा और श्रीमोहन आचार्य ने आयोजन संबंधी व्यवस्थाओं का प्रभावी नियोजन किया।
अंत में कार्यक्रम सहायक तलत रियाज ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें कौशल विकास कार्यक्रमों को हर जरूररतमंद तक पहुंचाना है।