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बीकानेर,गौ गोचर संरक्षण संयुक्त मोर्चा के द्वारा वर्तमान समय में लंपी रोग से ग्रसित गोवंश के देवलोक गमन होने पर उन्हें श्रद्धांजलि और 7 नवंबर 1966 को बलिदान हुए गो भक्तों के लिए भावांजलि सभा का आयोजन आज शिव मठ शिव बाड़ी मंदिर बीकानेर में किया गया ।

यह महति आयोजन 2 स्तर में आयोजित किया गया, प्रथम कड़ी के अंदर दिवंगत गौ माताओं को श्रद्धांजलि और 7 नवंबर 1966 को संपूर्ण गोहत्या बंदी कानून की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन में तत्कालीन सरकार के द्वारा आंदोलन को कुचलने के लिए चलाई गई गोलियों में, बलिदान हुए गो भक्त, साधु संतों को भावांजलि अर्पित की गई।
आज के इस महती आयोजन के मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रखते हुए राष्ट्रीय आंदोलन के अध्यक्ष व भारतीय देशी गोवंश एवं गोचर एक राष्ट्रीय धरोहर महाअभियान के संयोजक सूरजमालसिंह नीमराणा ने 7 नवंबर 1966 की घटना पर प्रकाश डाला और उपस्थित गो भक्तों से गोचर में हो रहे कब्जों के प्रति जागरूक रहकर उन्हें हटवाने,कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा करने, और गोचर में बने मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना नहीं करने का संकल्प दिलवाया । वह भारतीय देशी गोवंश अति शीघ्र “राष्ट्रीय धरोहर” बने, “गोचर गौ माता के नाम दर्ज हो”, भारतीय देशी गोवंश का नाम “अनुवांशिक रूप” से लिया जावे,, भारतीय देशी गोवंश के लिए “विश्व गाय दिवस” घोषित हो ,, 7 नवंबर 1966 को “गौ भक्त बलिदान दिवस” के रूप में घोषित किया जावे,, जिस स्थान पर गौ भक्त बलिदान हुए उस जंतर-मंतर चौक दिल्ली, को “गौ भक्त बलिदान चौक” के रूप में नामित किया जावे।
वह गौ माता के लिए खाद्य सुरक्षा बिल राज्य सरकार अति शीघ्र लावे। गौमाता का चारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में लाया जावे, ताकि इसका बिना वजह स्टोक ना हो सके। गौशालाओं को सरकार प्रताड़ना बंद करें, गौशालाओं को अति शीघ्र भूमि आलोट की जावे, वह गोचर की जितनी भी भूमि राज्य सरकार ने विभिन्न काम के लिए अधिग्रहण किया है, वह सारी भूमि अति शीघ्र गोचर के रूप में आलोट की जावे, भूमि आलोट करने के लिए बड़े-बड़े भूभाग में की जावे, छोटे-छोटे पेच में नहीं।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री माननीय देवी सिंह जी भाटी ने कहा कि वर्तमान में जो गोचर भूमि पड़ी है, उसकी पैमाइश अति शीघ्र की जावे, अतः सभी गौ भक्त, गो सेवी संगठन, गोचर संरक्षक संगठन अब एक होकर इस हेतु संघर्ष करें, तभी जाकर बीकानेर के आसपास की गोचर आदि भूमि को हम बचा पाएंगे। छद्म रूप से राज्य सरकारें गोचर आदि भूमि का अधिग्रहण कर रही है, गोवंश का नस्ल सुधार का नुकसान कर रही है, उससे भी सावधान रहने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ग्राम विकास विभाग के सह प्रांत प्रमुख निर्मल कुमार बरडिया ने कहा कि गाय को कैसे पालना है, लंपी के कारण से बहुत सी अच्छी नस्ल की गाय समाप्त हो गई है,गाय में संवर्धन नहीं होने का खतरा बढ़ रहा है, उसे हमें सही करना है,, हमें अलग-अलग टोली बनाकर दुर्घटनाग्रस्त गोवंश की रक्षा,व दुर्घटना ना हो ऐसी व्यवस्था भी हमें करनी है, चारे की व्यवस्था, नंदी की व्यवस्था, आदि पर हमें ध्यान देना है, ताकि अधिक से अधिक गोवंश का संवर्धन किया जा सके। संवर्धन के लिए नंदी को सुरक्षित रखा जा सके, ऐसी व्यवस्था हमें करनी है।
कार्यक्रम में गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ललित दाधीच ने कहा कि गौ ग्राम का हमेशा प्रयास रहा है कि, देशी गोवंश को सरकार हर तरीके सहायता करें। इसी कड़ी में गौ ग्राम सेवा संघ ने 2016 में तत्कालीन सरकार से गौ संवर्धन निधि का गठन करवाया, उसका लाभ आज गौशालाओं को मिल रहा है, गौ सेवा संबंधी योजनाओं का लाभ गोपालको को मिल रहा है, अब हमारा प्रयास है, पूरे प्रदेश में गोचर और गोपालक को इसका सीधा लाभ मिले इसके लिए संगठन अति शीघ्र एक आंदोलन की तैयारी कर रहा है,वर्तमान लंपी में जिन गोपालको का गोवंश कालकल्वित हो गया, उन सभी को सरकार मुआवजा देवें, इसके लिए अति शीघ्र बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं, आप सभी का सहयोग उसमें अपेक्षित रहेगा।
आज के इस आयोजन में परम पूज्य विमर्शानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि हमारा उद्देश्य जिले की समस्त गो सेवी संगठनों को एक मंच पर लाकर, एक दूसरे का सहयोग करवाने का है, प्रत्येक संगठन अपने अपने हिसाब से कार्य करें, जब आवश्यकता हो तो, वह एक मंच पर आकर एक आवाज में, अपनी बात रखें।
आज के इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भी यही है, यदि हम सब एक होकर अपनी बात रखेंगे तो, राज्य सरकारों से गाय के लिए बड़ा कार्य करवा पाएंगे। हम छोटे-छोटे संघ में बैठकर गाय की हानि कर रहे हैं, आप सभी अपने अपने क्षेत्र में पारंगत है, अपने अपने क्षेत्र में कार्य करें,परंतु जब आवश्यकता हो, सभी एक दूसरे के काम आए और एक दूसरे का सहयोग करें। एक मंच पर आकर उस मांग को आगे बढ़ाएं,इसके लिए आज यह मंच “गौ गोचर संरक्षण संयुक्त मोर्चा” का गठन किया है। जिसकी प्रथम समितियों की घोषणा आज की गई है।
संगठन सभी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का प्रशिक्षण, अच्छी तरह काम कर सके उसका ज्ञान और उसकी समस्याओं का समाधान करने की चेष्टा करेगा। आप सभी ने जो समय दिया,लंपी के अंतर्गत जो कार्य किया, उसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं, आपके जैसे लोग नहीं होते तो शायद गौमाता का बहुत बड़ा नुकसान हो जाता। आज गौ माता का नुकसान कम हुआ है, उसके लिए आप जैसे गौ भक्तों की सेवा का फल है,आप सभी को पुनः बहुत-बहुत साधुवाद, इसी तरह एक आवाज पर इकट्ठे होते रहे, तो अति शीघ्र गौ माता के लिए बड़ा कार्य हो जाएगा।
संतो के पावन सानिध्य में आयोजित इस कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में बीकानेर के समस्त गो भक्तों, गौशाला संचालक ,गो सेवी संगठन, आदि को एक मंच पर लाने के लिए गो गोचर संयुक्त मोर्चा के समन्वय समिति का गठन किया गया। इसमें परम पूज्य विमर्शानंद गिरि जी महाराज के दिशा निर्देश के अंतर्गत 4 समितियों का गठन किया गया 1.समन्वय एवं संयोजन समिति, 2.संचालन एवं क्रियान्वयन समिति, 3.विधि एवं सलाहकार समिति, 4.परामर्श मंडल एवं सहयोग समिति। इस समिति का संयोजक मनोज कुमार सेवग व सह संयोजक निर्मल कुमार बरडिया को बनाया गया, प्रत्येक समिति में 10 -10 सदस्य लिए गए और समय अनुसार इसमें संख्या घटाई में बढ़ाई जा सकेगी।
आज के कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन सूरज प्रकाश राव ने दिया। मंच का संचालन गोपाल सिंह नाथावत ने किया।
इस अवसर पर बीकानेर जिले के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों -उज्जैन संत चंद्रशेखरानंद जी महाराज, संत गोविंदस्वरूप जी महाराज,सरे नथानिया गोचर के संचालक ब्रिजरतन किराडू, पार्षद अनूप गहलोत, निरेजन जी सोनी, यशविंदर चौधरी,जेडी कुमावत,धनपत मारू,विजय कोचर,अविनाश व्यास,धर्मेंद्र सारस्वत,लक्ष्मण उपाध्याय,मिलन गहलोत ,के लाल आचार्य,मुकेश पंवार पार्षद ,राजु पारीक ,गिरधारी सुथार ,उमाशंकर जोशी ,रामदयाल राजपुरोहित,पुजा मोहता,जगदीश पेडीवाल, सुधा आचार्य,चतुर्भुज राजपुरोहित, गोपी किशन अग्रवाल, आदि ने अपनी बात रखी। और सभी ने कहा कि हमें गो भक्तों के संगठन को मजबूत करना है हम सभी एक साथ एक आवाज पर खड़े होंग।
आज की इस सभा में ग्लोबल हिंदू फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार सियाग, जेडी कुमावत, सनातन धर्म प्रचारिणी सभा के प्रेम सिंह राठौड़, ग्लोबल हिंदू फेडरेशन के प्रदेशमहामंत्री जलज सिंह जनवार, पार्षद अनूप गहलोत, चांदवीरसिंह, विजय सिंह चारण, उमाशंकर सोलंकी, शीशपाल गिरी गोस्वामी, राजेंद्र सिंह कक्कू अरे किशन व्यास बसंत कुमार शर्मा किशोर भाठिया, राजगोपाल सोनी, सुनील आचार्य,आदि ने बैठक में भाग लिया।

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