Trending Now

 

 

 

 

बीकानेर,सांस्कृतिक सृजन पखवाड़े के तहत राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी व इंटेक, बीकानेर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को गाँधी जयंती पर राजस्थानी संगोष्ठी ‘विश्व-परिदरसाव मांय गाँधीजी रै विचारां री प्रासंगिकता’ का रोटरी क्लब सभागार में आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि रोटे. मनमोहन कल्याणी ने कहा कि गाँधीजी के विचारों व दर्शन की प्रासंगिकता जितनी पहले थी, उससे कहीं अधिक आज है। विश्व में शांति, भाईचारे की स्थापना के लिए गाँधीजी के बताए मार्ग पर चलना आवश्यक है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार सुधा आचार्य ने कहा कि पूरा विश्व बारूद के ढेर पर बैठा है। धरती, मानव, प्रकृति को बचाना है तो पूरे विश्व को गाँधीजी के विचारों को अपनाना व आत्मसात करना होगा।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि आज विश्व में व्याप्त हिंसा, भय के इस वातावरण को समाप्त करने के लिये महात्मा गाँधी के सत्य, अहिंसा, देशभक्ति, सर्वधर्म सद्भाव संबंधी विचार बेहद जरूरी हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए इंटेक, बीकानेर चैप्टर के कन्वीनर पृथ्वीराज रतनू ने कहा कि गाँधीजी मानव-सेवा को जीवन का महत्वपूर्ण कार्य मानते थे। वे स्वदेशी, स्वराज्य, सर्वोदय, खादी के माध्यम से आमजन को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे।
संगोष्ठी में एम. एल. जांगिड़, डाॅ. मोहम्मद फारूक, गोविंद जोशी, डाॅ. रितेश व्यास, डाॅ. नमामीशंकर आचार्य, अमर सिंह खंगारोत, भुवनेश स्वामी, बाबूलाल छंगाणी, जुगल किशोर पुरोहित, योगेंद्र पुरोहित, सुभाष बिश्नोई ने भी विचार रखे। रोहित कुमार स्वामी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर ओ. पी. शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, डाॅ. गिरिराज पारीक, विमलचंद भोजक, ऋषि व्यास, कान सिंह, मनोज मोदी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

Author