बीकानेर,राजकीय डँूगर महाविद्यालय, बीकानेर एवं कॉलेज षिक्षा विभाग जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान में प्रथम बार प्रयोगषाला सहायको के लिए राज्य स्तरीय ट्रेनिंग वर्कषॉप आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरूआत राजकीय डँूगर महाविद्यालय के वीडियों कॉफ्रेंस हॉल में संयुक्त निदेषक (अकादमिक) कॉलेज षिक्षा जयपुर के प्रो. विजय सिंह, प्राचार्य डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर प्रो. राजेन्द्र कुमार पुरोहित, संयुक्त निदेषक रूसा प्रो. दिनेष चन्द्र शर्मा, प्रभारी इनोवेषन सेल प्रो. ललिता यादव एवं बीआईआरसी निदेषक प्रो. नरेन्द्र भोजक द्वारा सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। प्राचार्य प्रो. राजेन्द्र पुरोहित ने अपने स्वागत उदबोधन में विभिन्न जिलों से पधारे प्रयोगषाला सहायकों को प्रयोगषाला में काम आने वाले रसायन व उपकरणों की बारीकियों को सूक्ष्मता से सीखने का आग्रह किया, प्रो. पुरोहित ने अपने उद्बोधन में प्रयोगषाला सहायकों से संस्थान उत्थान की समस्त गतिविधियों में शामिल रहने का आह्वान किया। संयुक्त निदेषक प्रो. विजय सिंह ने आयुक्तालय द्वारा किए गए नवाचार को राज्य सरकार की उपलब्धि बताया। संयुक्त निदेषक रूसा प्रो. दिनेष चन्द्र शर्मा ने रसायन प्रयोगषाला में सुरक्षा की अवधारणा पर बल दिया उन्होंने रसायन एवं उपकरण की सुरक्षा पर विषेष बल दिया। इनोवेषन सेल प्र्रभारी प्रो. ललिता यादव ने डूंगर महाविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए इस ट्रेनिंग वर्कषॉप को अनुकरणीय बताया। प्रथम तकनीकी सत्र में प्रो. नरेन्द्र भोजक ने प्रयोगषाला सहायको के जॉब प्रोफाइल, कर्तव्य, अधिकार पर पावरपाइन्ट के माध्यम से चर्चा करते हुए आधुनिक प्रयोगषाला सहायक के नवीन कार्यों को फिल्म के माध्यम से बताया। द्वितीय सत्र में डॉ. हेमेन्द्र सिंह भंडारी ने उपकरणों से मापन एवं उनकी रखरखाव के बारे में बताया तृतीय सत्र में डॉ. एस के वर्मा ने विलयनों को बनाना एवं उनके उपभोग, विलयनों की नार्मलता, मोलता व सांद्रता के बारे में चर्चा की। चतुर्थ सत्र हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के रूप में डॉ. राजाराम, डॉ. सुषील यादव व डॉ. राजेन्द्र सिंह द्वारा आयोजित किया गया। इस सत्र में प्रतिभागियों को चार स्नातक प्रयोगषालाएं, दो स्नातकोत्तर प्रयोगषालाएं, चार शोध प्रयोगषालाएं, कैमिकल स्टोर, गैस कक्ष, डिस्टिल्ड वाटर प्लांट में ले जाकर ‘‘ऑन दा स्पॉट’’ ट्रेनिंग दी गई। प्रयोगषाला सहायकों को विलियन बनाना, स्टॉक रजिस्टर एन्ट्री करना, प्रयोगषाला मैन्युअल तैयार करना, उपकरणों व कैमिकल की खरीद हेतु नोटषीट बनाना, लॉगबुक मेंन्टेन करना इत्यादि के बारे में विस्तार से सिखाया गया। पंचम सत्र में डॉ. एस.एन जाटोलिया ने प्रयोगषाला में सुरक्षा विषय पर व्याख्यान दिया एवं डॉ. सुषील यादव व डॉ. राजाराम ने परिचर्चा आयोजित की। अन्तिम तकनीकी सत्र एडवांस प्रयोगषाला सत्र के रूप में आयोजित किया गया-इसमें डूंगर कॉलेज में स्थापित 3 एडवांस प्रयोगषालाएंें-स्मार्ट सांईस लैब, सॉफेस्टिकेटड इन्स्टयूमेन्ट लैब एवं ग्रीन कैमिस्ट्री रिसर्च सेन्टर में स्थापित आधुनिक उपकरणों एवं अत्याधुनिक प्रयोगों को दिखाया गया।
समापन सत्र में गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू, तारानगर, सरदारषहर, नोखा एवं बीकानेर के कॉलेजों से नामित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए। समापन सत्र के मुख्य अतिथि सहायक निदेषक बीकानेर संभाग के प्रो. पुष्पेन्द्र सिंह एवं अध्यक्षता प्रो. राजेन्द्र कुमार पुरोहित रहे। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. नरेन्द्र भोजक रहे एवं संचालन डॉ. हेमेन्द्र सिंह भंडारी ने किया। प्रो. पुष्पेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक वर्कषॉप में भाग लेने के लिए बधाई प्रेषित की। प्रो. राजेन्द्र पुरोहित ने प्रतिभागियों से आज के दिन सीखी गई विभिन्न प्रयोगषाला विधाओं को अपने महाविद्यालय में जाकर लागू करवाने का आह्वान किया।
इससे पूर्व प्रयोषाला प्रबन्धन: एनईपी 2020 विषय पर डॉ. नरेन्द्र भोजक, डॉ. हेमेन्द्र भंडारी, डॉ. राजा राम, डॉ. सुषील यादव, डॉ. एस.के. वर्मा एवं डॉ. राजेन्द्र सिंह द्वारा तैयार की गई पुस्तक का विमोचन संयुक्त निदेषक प्रो. विजय सिंह, संयुक्त निदेषक रूसा प्रो. दिनेष चन्द्र शर्मा, इनोवेषन सेल प्र्रभारी प्रो. ललिता यादव, डूंगर कॉलेज प्राचार्य प्रो. राजेन्द्र पुरोहित द्वारा किया गया।