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बीकानेर,आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स एवं आर्ष न्यास के संयुक्त तत्वाधान में फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय होटल पाणिग्रहण के हाल में किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रातः कालीन सत्र में यज्ञ द्वारा किया गया जिसमें आचार्य रवि शंकर जी ने ग्रुप के सभी विद्यालयों के उपस्थित शिक्षकों को समाज में शिक्षक के महत्व से परिचित करवाया। उपनिषदों का संदर्भ देते हुए आपने कहा कि समर्पण और अपनत्व से कार्य करना ही उपनिषद है। बालक को मन से मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षक को ईश्वर ने विशेष दायित्व प्रदान किया है यह उसका सौभाग्य है।
द्वितीय सत्र में आचार्य प्रद्युमन ने शिक्षा एवं गीता के संदर्भ में अपने व्याख्यान में बताया कोई भी प्राणी दुखी नहीं रहना चाहता परंतु इसके लिए सार्थक प्रयास आवश्यक है। वेदों के अनुसार सरस्वती सरोवर अर्थात ज्ञान का सरोवर सूक्ष्म शरीर को शुद्ध करता है, शारीरिक बल के साथ ज्ञान बाल का होना ही व्यक्ति को वास्तविक रूप से बलवान बनाता है। शास्त्रों में मस्तिष्क को कमंडल कहते हैं, इसे शुद्ध रखने हेतु सत्संग की आवश्यकता होती है। आत्मा को जानना परमात्मा पर विश्वास करना और कर्तव्य पालन ही सफल जीवन की कुंजी है। मेरठ से पधारे आचार्य कुलदीप ने शिक्षकों को प्रेरित किया कि विद्यार्थियों के मन को टोटल कर उन्हें व्यावहारिक बनाएं। साहित्यकार और पत्रकार मधु आचार्य आशावादी ने शिक्षकों को शिक्षा के साथ साहित्य और नाटक को जोड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ा संकट संवेदना का अभाव है। विद्यार्थी को शिक्षा के साथ संवेदनशील भी बनाना होगा तभी वह समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर पाएगा। नवीन शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों पर जानकारी प्रदान करते हुए नई दिल्ली से पधारे शिक्षा के क्षेत्र में व्यावसायिक प्रशिक्षक अंजन गांगुली जी ने शिक्षा में पांच तत्वों के महत्व को प्रायोगिक रूप से अपनाने पर बल दिया। आपने कहा कि शारीरिक विकास, ऊर्जा, संवेदना और मानसिक विकास, आंतरिक विकास तथा आध्यात्मिक विकास इन्हें शिक्षा से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। किसी भी शिक्षक को गुरु बनने के लिए अभ्यास एवं प्रयोग निरंतर करते रहना चाहिए।
कार्यक्रम का 400 से अधिक लाभ उठाया। कार्यक्रम में आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीएमडी सुभाष स्वामी, सीईओ आदित्य स्वामी, ग्रुप के स्कूल के प्रधानाचार्य एवं कोऑर्डिनेटर भी उपस्थित रहे। सफल संचालन रितु शर्मा ने किया।

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