बीकानेर,शीतकालीन सत्र को लेकर चर्चा शुरू होने लगी कि इस बार संसद बिना हंगाने के कैसे सही से चले? इसको लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीटिंग की हैं.उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को विभागों से जुड़ी संसद की सभी स्थाई समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की. बैठक में समितियों के कामकाज को बेहतर बनाने के साथ साथ संसद सत्रों को सुचारू रूप से चलाने को लेकर विचार विमर्श हुआ.
मीटिंग में राधमोहन सिंह, जगदंबिका पाल, सुशील मोदी और अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस नेता शशि थरूर भी मौजूद थे. थरूर रसायन और उर्वरक मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि सुचारू रूप से संसद चलाने के लिए हफ्ते में एक दिन केवल विपक्ष को बोलने का मौका मिलना चाहिए है. कब होगा शीतकालीन सत्र?
संसद के शीतकालीन सत्र के 7 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है. सत्र के दौरान अक्सर हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती है, जिसका असर संसद के कामकाज पर पड़ता है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार आरोप लगाती रही है कि सदन में उनके सदस्यों को बोलने का मौक़ा नहीं दिया जाता है. गुरुवार को हुई बैठक में सदन को सुचारू रूप से चलाने को लेकर अनौपचारिक बातचीत हुई.
क्यों हुई मीटिंग
बातचीत में थरूर ने सुझाव दिया कि विपक्ष को अपनी बात कहने का पर्याप्त मौक़ा सुनिश्चित करने के लिए सत्र के दौरान हफ़्ते में एक दिन ऐसा तय किया जाए जिस दिन केवल विपक्ष के सांसदों को ही बोलने का मौक़ा मिले. ऐसा करके विपक्ष की शिकायत को दूर किया जा सकेगा कि उन्हें बोलने का मौक़ा नहीं मिला. बैठक जगदीप धनखड़ ने सभी अध्यक्षों से स्थायी समितियों के कामकाज को और बेहतर बनाने को लेकर संवाद किया. बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि स्थायी समिति की बैठकों में निष्पक्ष होकर सभी दलों के सांसद अपनी बात रखते हैं और ज्यादातर विषयों पर आम सहमति से ही रिपोर्ट तैयार की जाती है. बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि बैठक का मक़सद स्थायी समितियों के कामकाज पर संवाद करना था.