बीकानेर,जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित जाम्भाणी साहित्य अकादमी भवन में रविवार को पंच-दिवसीय बाल संस्कार शिविर का समापन हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए अकादमी के पूर्व कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी एल साहू ने कहा कि -‘जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर अपनी स्थापना से लेकर ही समाज में संस्कारों की पुनर्प्रतिष्ठा को लेकर प्रयासरत है। संस्कार ही मनुष्य में मनुष्यता जाग्रत करते हैं और उसे अपने कर्तव्यों का बोध कराते हैं। जिस मनुष्य का विवेक जाग्रत नहीं है,जो संस्कारों से हीन है उसका जीवन पशु के समान है।
असंस्कारी मनुष्य को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते। मनुष्य के लिए संस्कार और शिक्षा दोनों समान से रूप आवश्यक है। संस्कार विहीन मनुष्य समाज के साथ साथ राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान नही दे सकते है। संस्कारित मनुष्य ही समाज का भला कर सकता है। वर्तमान समय में यह बहुत बड़ी विडम्बना है कि जब से शिक्षा का बाजारीकरण हुआ है संस्कार कहीं पीछे छूट गए हैं और इसका खामियाजा समाज को भूगतना पड़ रहा है।जीवन में मूल्यों को धारण करने वाला मनुष्य मूल्यवान बन जाता है। हमारे कर्म ही हमारे जीवन की दिशा और दशा निर्धारित करते हैं तथा कर्म वैसे ही बनते हैं जैसे हमारी सोच होती है इसलिए मनुष्य को अपनी सोच सदा ऊंची रखनी चाहिए। समारोह की मुख्य अतिथि अकादमी की संरक्षिका डॉ सरस्वती बिश्नोई ने कहा कि-‘ परमात्मा सदैव हमारे कर्मों पर नजर रखता है और समाज हरपल हमारा मूल्यांकन करता है इसलिए कर्म करते हुए सावधान रहना चाहिए,कर्म ही हमारे लोक और परलोक की गति का निर्धारण करते हैं। गुरु जाम्भोजी की वाणी और जाम्भाणी संतों के साहित्य में मनुष्य को जीवन की युक्ति सिखाई गई है, युक्ति पूर्वक जीवन जीने वाला ही मुक्ति का अधिकारी होता है।इसलिए बच्चों को संस्कारित करने का अकादमी ने बीड़ा उठाया है और विभिन्न जगहों बाड़मेर, जालोर, सांचौर, जोधपुर, लालासर साथरी, नेमावर (मध्यप्रदेश) ,फतेहाबाद, सिरसा (हरियाणा), मेहराणा धोरा (पंजाब), जयनारायण व्यास कॉलोनी बीकानेर सहित दस जगहों पर संस्कार शिविरों का आयोजन किया गया। भविष्य में इसके सुखद परिणाम निश्चय ही मिलेंगे।’
इस पंच -दिवसीय शिविरों में योग,हवन, धार्मिक, नैतिक शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, व्यक्तित्व विकास आदि के बारे में वक्ताओं ने विभिन्न स्तरों पर उपस्थित होकर बच्चों का मार्गदर्शन किया।
21 जून से लेकर 25 जून तक चले इस शिविर में स्वामी भागीरथदासजी शास्त्री जैसला, आचार्य स्वामी रामाचार्यजी और स्वामी केशवानंद जी आचार्य लालासर साथरी, किशन महाराज,का पावन सान्निध्य मिला। अतिथियों और वक्ताओं के रूप में अशोक बिश्नोई एडीएम, श्रीमती सविना बिश्नोई आरएएस, पार्षद मनोज बिश्नोई, पार्षद मांगीलाल गोदारा, समाजसेवी राजाराम धारणियां, मोहनलाल लोहमरोड़ बीडीओ, रामस्वरूप धारणियां कोषाध्यक्ष महासभा, डॉ हरफूल बिश्नोई,डॉ हरिराम सिहाग, श्री हरिराम खीचड़ हथाईदार, रामसिंह कस्वां, अकादमी के महासचिव विनोद जम्भदास, कोषाध्यक्ष डॉ भंवरलाल बिश्नोई,डॉ कृष्णलाल बिश्नोई,प्रो विनोद भादू,सोहनराम सियाग, डॉ लालचंद बिश्नोई,इंजि. आर के बिश्नोई,रामकिशन डेलू,रत्ना बिश्नोई,राकेश गोदारा, बुधराम सहारण, एडवोकेट संदीप धारणियां, पृथ्वीसिंह गिला, पुजारी बाबूलाल, दूलीचंद गोदारा, इंद्रजीत खीचड़ आदि महानुभवों का सानिध्य विद्यार्थियों को मिला।
इसके साथ ही विभिन्न स्तरों पर प्रथम,द्वितीय,तृतीय स्थान पर रहने वाले बच्चो को सम्मानित भी किया गया।