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बीकानेर,हनुमानगढ़,प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और सडक़ दुर्घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने करीब दो साल पहले सभी थानों में सीआई स्तर के ही थानाधिकारी लगाने और दुर्घटनाएं रोकने के लिए डेथ पॉइंट निर्धारित करने के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं इस स्बंध में गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। इसमें लिखा हुआ था कि यदि प्रदेश में कहीं पर एसआई स्तर के थानेदार लगे हुए हैं तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाए। सूचना के अधिकार जागृति मंच से जुड़े आरटीआई कार्यकर्ता अनिल जान्दू ने बताया कि आरटीआई से मिली जानकारी अनुसार करीब 350 थानों में अभी तक एसआई स्तर के ही थानाधिकारी लगे हुए हैं।
क्या है कारण
पुलिस विभाग में सीआई से पुलिस उप अधीक्षक के प्रमोशन तो लगातार हो रहे हैं। लेकिन एसआई से सीआई का प्रमोशन पिछले तीन साल से लटके हुए हैं। इसके चलते काफी संख्या में एसआई अभी तक सीआई नहीं बन पाए हैं। ऐसे में राज्य सरकार के आदेश के विपरीत कई थानों में अभी तक एसआई स्तर के ही थानाधिकारी लगे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि यदि अधिकारी एसआई से सीआई में प्रमोशन कर दें तो राज्य सरकार के आदेशों की पूरी पालना संभव हो जाएगी।
कागजों में खानापूर्ति, हकीकत उलट
राज्य सरकार ने दो वर्ष पूर्व बजट घोषणा की थी कि कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के सभी 473 एसआई थाने सीआई थाने बना दिए गए हैं। जबकि करीब 350 थानों में अभी तक एसआई स्तर के ही अधिकारी थानाधिकारी लगे हुए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल जान्दूू ने बताया कि खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर थानाधिकारी मौखिक आदेश पर ही लगे हुए हैं। यानी राज्य सरकार ने कागजों में तो थानों में सीआई स्तर के अधिकारी लगा दिए हैं, लेकिन हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है।
दुर्घटनाएं रोकने में नाकाम, अब बनने लगे डेथ प्वाइंट
बढ़ती दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। सूचना से मिली जानकारी के आधार पर अनिल जान्दू ने बताया कि अकेले हनुमानगढ़ जिले में गत दो सालों में 478 दुर्घटनाएं हो चुकी है। वर्ष 2021 में 244 और वर्ष 2022 में 234 का आंकड़ा रहा है। आरटीआई से मिली जानकारी अनुसार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई ना करते हुए महज नियमों की दुहाई देते हुए खानापूर्ति कि गई है। इसके अलावा जिला यातायात प्रबंधन समिति को भी गत 5 जुलाई को विलोपित कर दिया अब जिला सडक़ सुरक्षा समिति का गठन किया गया है जिसकी गत बैठक 23 नवम्बर को आयोजित हुई।
इनका कहना है..
एसआई से सीआई स्तर के प्रमोशन रुके होने से सरकार के नियमों कि पालना नहीं हो रही है। आरटीआई से मिली जानकारी में हनुमानगढ़ डीटीओ ने स्पष्ट कहां दुर्घटनाएं रोकना हमारा कार्य नही जबकि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला सडक़ सुरक्षा समिति में वे सदस्य है वहीं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने दुर्घटनाओं की जानकारी तो दी लेकिन उन्हें रोकने के ठोस प्रभावी कार्यों के बारे में कुछ नही बताया। महज खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली गई। वहीं जनहित में लगी आरटीआई के बाद विभाग ने जोड़किया फाटक बाईपास रोड़ को डेथ प्वाइंट के लिए चिन्हित किया है। बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर कुछ वर्ष पूर्व भी मेरे द्वारा हनुमानगढ़ स्थाई लोक अदालत में वाद दायर किया गया था। जिसके बाद कोहला फार्म में तारबंदी, जिले भर में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का चयन और सडक़ों पर दिशासूचक/चेतावनी बोर्ड लगाए गए थे।

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