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बीकानेर,साहित्य कला चेतना परिवार नोहर संस्थान के बैनर तले ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन रखा गया ! जिसे आयोजित किया गया गूगल मीट के माध्यम से और इस कला परिचर्चा का सञ्चालन किया साहित्यकार और सस्थान के अध्यक्ष कमल अग्रवाल और बीकानेर के चित्रकार योगेंद्र कुमार पुरोहित रहे। इस कला परिचर्चा का विषय रखा गया बीकानेर की लोक परंपरागत बीकानेर की चित्रण शैली मथेरण कला ! कला परिचर्चा का मंच स्थपित किया गया योगेंद्र आर्ट एंड डिजाइनिंग स्टूडियो बीकानेर में ! जिसमे पेनल रहा वरिष्ठ चित्रकार मथेरण कला मूलचंद महात्मा ,वरिष्ठ चित्रकार मथेरण कला  चम्पालाल महात्मा ( चंद्रप्रकाश महात्मा ) पारम्परिक मथेरण चित्रण करने वाले युवा चित्रकार राम कुमार भादाणी , लोक शास्त्रीय कला के मर्मज्ञ डॉ. दामोदर तंवर !
परिचर्चा का विषय रहा बीकानेर की लोक चित्रण शैली मथेरण कला और समसामयिक परिदृश्य में उसका सामाजिक महत्त्व !
ये कला परिचर्चा ठीक 3 : 15 बजे आरम्भ हुई जो दो चरणों में करीब डेड घंटे तक बिना किसी समय अंतराल के जारी रही और इस परिचर्चा को दो खंड में संचालित किया परिचर्चा के दोनो संचालकों के जरिये ! पहले खंड पर सभी मुख्य वक्ताओं ने मथेरणं कला के इतिहास , उसके विषय , चित्रण विधि सचित्र प्रमाण लक्ष्मी पूजन पाना चित्र के साथ चर्चा मे चित्रकार मूलचंद महात्मा और चम्पालाल महात्मा के द्वारा प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी गयी ! चित्रकार राम कुमार भादाणी ने मथेरण कला के लिए उसे पुनर्जीवित करने के उदेश्य से किये जा रहे महत्पूर्ण प्रयासों पर प्रकाश डाला और इसे कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है उससे अवगत करवाया ! तो लोक कला मर्मज्ञ डॉ. दामोदर तंवर जी ने मथेरण कला के कलाकारों के लिए समाज के द्वारा जिमेवारी से अवसर उपलब्ध करवाने की जरुरत की बात को कहते हुए कला कार्यशालों का अधिक से अधिक आयोजन अति आवश्यक माना जाये। भादाणी ने जानकारी दी की आगामी दिनों में आप बीकानेर की इस मथेरण कला के लिए एक कला शिविर आयोजित करने जा रहे है ! जिसमे बीकानेर के बच्चे ( बाल कलाकार ) मथेरण कला का प्रशिक्षण लेंगे मथेरण कला को जिनके लिए ये बनी है उनके बिच पुनः स्थापित करने की बात कही साथ में भामाशाहों को इस कला से जोड़ने के प्रयास करने की बात कही गई।
प्रथम खंड का सञ्चालन के साथ प्रश्नो और जिज्ञासाओं के लिए रखा गया व सञ्चालन करते हुवे संस्था प्रभारी श्री कमल अग्रवाल को आमंत्रित किया ! आप ने गूगल मीट पर जुड़े हुए सभी संस्थान के सदस्यों से प्रश्न और जिज्ञासाएं आमंत्रित की , उन प्रश्न और जिज्ञासाओं को रखने वालों में कला शिक्षक मास्टर सुरेंद्र सुथार ,संस्था सचिव श्री कृष्ण जी डॉ. राजपाल ,मास्टर नंदकिशोर , मास्टर पवन , मास्टर देव आर्ट,ग्वालियर के मास्टर देवेंद्र जी ,दीपिका जी , मास्टर कुलदीप ,मास्टर यशपाल ,संस्था के मीडिया प्रभारी मास्टर मनीष सोनी के साथ राजस्थान ललित कला अकादेमी जयपुर के पूर्व अध्यक्ष और राजस्थान के वरिष्ठ मूर्तिकार श्री लक्ष्मण व्यास जी ने भी अपनी उपस्थिति के साथ चर्चा में भाग लिया और आप सब की उपस्थिति से आज की ये परिचर्चा उस खुले सत्र में एक सार्थक परिचर्चा मथेरण कला के विषय पर संभव हुई तथा पेनल में बैठे मथेरण कला के कलाकारों ने उसे अपने उत्तर और संवाद से पूर्णता प्रदान की ! अंत में संस्था प्रभारी कमल अग्रवाल जी ने सभी पेनलिस्ट को धन्यवाद ज्ञापित किया ! तो आभार ज्ञापित किया संस्था के सचिव कृष्ण जी ने !
यहाँ आज की साहित्य कला चेतना परिवार नोहर संस्थान की कला परिचर्चा ( गूगल मीट ) विषय – बीकानेर की माथेरण कला के लाइव मीट के कुछ फोटो आप के अवलोकन हेतु संस्था के मीडिया प्रभारी मास्टर मनीष सोनी के कैमेरा से लिए गए है।

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