Trending Now












  • बीकानेर,डेंगू अब जानलेवा साबित होने लगा है। पीबीएम के आईसीयू में भर्ती विश्वकर्मा गेट के बाहर मुक्ता प्रसाद वाल्मीकि बस्ती में रहने वाले 17 वर्षीय भरत वाल्मीकि की बुधवार को डेंगू से मौत हो गई। पीबीएम हॉस्पिटल की गैलरी में लेटे सैकड़ों मरीज दीवार को जालियों में लटकी फ्लूड की बोतलें। एक को छोड़, दूसरे और दूसरे को छोड़ तीसरे मरीज को इंजेक्शन लगाने के लिए जा रहे नर्सिंगकर्मियों का दृश्य डेंगू की भयावहता को बताने के लिए काफी है। पीबीएम के मेडिसिन वार्ड अब डेंगू पॉजिटिव और वायरल बुखार पीडित मरीजों से फुल हो चुके हैं। वाड़ों में जगह की कमी के कारण हॉस्पटल प्रशासन ने चार सौ बेड के एमसीएच हॉस्पिटल में 12 अक्टूबर से मरीजों को भर्ती करना शुरू किया था, लेकिन गुरुवार शाम तक वह भी मरीजों से भर गया। बुधवार को हॉस्पिटल के एच वार्ड में 155 मरीज भर्ती हुए, जबकि वार्ड में 54 बेड ही हैं। डेंगू के तीन गुणा ज्यादा हुए एडमिशन के कारण सौ से अधिक मरीजों को बेड से नीचे या गैलरी में लिटाकर इलाज शुरू करना पड़ा। गुरुवार को डेंगू के दो नए मरीज रिपोर्ट हुए है। अब जिले में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 321 हो चुकी है। बुधवार को जिला हॉस्पिटल और पौबीएम की लैब में 420 लोगों ने डेंगू जांच करवाई थी।

अब दवाइयां भी पूरी नहीं मिल रही
पीबीएम हॉस्पिटल में अब बेड की कमी के साथ-साथ दवाइयों की कमी हो गई है। पिछले एक माह से एनएस, डीएनएस और डीएस-5 फ्लूड की सबसे अधिक खपत डेंगू पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने के लिए हुई है। लेकिन खपत के हिसाब से दवाइयों की आपूर्ति नहीं हो रही। में यहां भर्ती होने वाले मरीजों को बाजार से फ्लूड खरीदककर लाना पड़ रहा है। जबकि वर्तमान में अधिकतर डेंगू पॉजिटिव मरीजों को फ्लूड की जरूरत ही पड़ती है।

Author