बीकानेर,जयपुर,नई एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) और निर्यात प्रोत्साहन नीति में दावा किया गया है कि इससे एक लाख लोगों के लिए रोजगार की राह खुल सकेगी। साथ ही 83704 करोड़ रुपए के निर्यात बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। इससे न केवल प्रदेश के उद्यमियों को व्यापार का बड़ा प्लेटफार्म मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग करने में भी आसानी होगी। हालांकि जानकारों का मानना है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए नीति को प्रभावी तरीके से लागू करना होगा।
एमएसएमई इकाइयों में शामिल हस्तशिल्पी, दस्तकार, बुनकरों पर भी फोकस करना पड़ेगा, क्योंकि व्यापार में इनका बड़ा हिस्सा शामिल है। साथ ही इन प्रावधानों की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित करनी होगी। उद्यमियों को निर्यातक बनाने के लिए निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाना होेगा। कैबिनेट में मंजूर की गई नई नीति के प्रावधान राइजिंग राजस्थान समिट में एमएसएमई के लिए बड़े अवसर लेकर आई है। राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम के तहत भी कई छूट दी जा रही है।
इन पर भी फोकस:
डॉक्यूमेंटेशन के लिए प्रति इकाई को प्रति वर्ष लागत का 50% तक व अधिकतम पांच लाख की सहायता
राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय आयोजनों में शामिल होने के लिए व्यय राशि का 75 प्रतिशत अनुदान व आवागमन के लिए अधिकतम 3 लाख रुपए प्रति वर्ष देने की तैयारी
निर्यात संबंधित सर्टिफिकेशन के लिए व्यय राशि का 75 प्रतिशत पुनर्भरण (अधिकतम 20 हजार रुपए प्रति शिपमेंट व 3 लाख रुपए अधिकतम प्रति वर्ष) किया जाएगा
आधुनिकतम तकनीक को बढ़ावा
निर्यात में ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए फीस राशि का 75 प्रतिशत पुनर्भरण (अधिकतम सीमा 2 लाख रुपए)।
निर्यात की संभावना तलाशने के लिए बाजार में रिसर्च करेंगे
रिप्स के तहत पहली बार निर्यात के लिए माल भाड़े में लागत का 25 प्रतिशत अनुदान
मुख्यमंत्री ने लिया पांचवां संकल्प प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम होगा:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने पांचवे संकल्प के तहत राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने का निश्चय किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती को स्वच्छ भविष्य देने की मुहिम में अपनी प्रतिबद्धता निभाते हुए राज्य सरकार पर्यावरण के प्रतिकूल गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।
एमएसएमई नीति में यह:
20 हजार नई एमएसएमई इकाइयां स्थापित होंगी
10 हजार करोड़ रुपए के प्रति वर्ष निवेश की उम्मीद
एक लाख लोगों को रोजगार
मौजूदा 9 हजार एमएसएमई को जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट (जेडईडी) सर्टिफिकेट मिलने की राह आसान होगी
निवेशकों के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन प्लेटफार्म विकसित होगा