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बीकानेर,हमारी ज़िन्दगी जितनी डिजीटल हुई है, रिस्क भी उतना ही बढ़ गया है। छोटी सी चूक बड़ा नुकसान पहुंचा रही है। ऐसा ही कुछ नाल एयरफोर्स के जवान के साथ हुआ। एयरफोर्स में तैनात हैड मैन राजेंद्र सिंह के पूरे एक लाख 6 हजार रूपए अनजान व्यक्ति के अकाउंट में ट्रांसफर हो गए थे। राजेंद्र सिंह को चूना लग चुका था और अनजान व्यक्ति की लॉटरी लग गई थी। इतने में साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल की एंट्री हुई और सारा खेल ही पलट गया।

दरअसल, 12 अगस्त को राजेंद्र सिंह अपने रिश्तेदार के एसबीआई अकाउंट में एक लाख 6 हजार रूपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहा था। मगर एक डिजिट ने लफड़ा कर दिया। सिंह ने अकाउंट नंबर का एक डिजिट गलत डाल दिया और पैसे उसके रिश्तेदार की जगह किसी और को ट्रांसफर हो गए। 4-5 दिन तो सिंह ने प्रयास किया। अनजान व्यक्ति से संपर्क कर पैसे वापिस करने का आग्रह किया, मगर बात नहीं बनी।

आख़िर 17 अगस्त को सिंह ने साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल से संपर्क किया। सारी जानकारी उपलब्ध करवाई। सैल प्रभारी सब इंस्पेक्टर देवेंद्र सोनी के निर्देशन में कांस्टेबल प्रदीप जांगिड़ 1132 व रामबक्श 1725 ने कार्यवाही शुरू की। इस तकनीकी टीम ने बैंक ट्रांजेक्शन व यूपीआई ट्रांजेक्शन ट्रेस किया। बड़ौदा राजस्थान केंद्रीय ग्रामीण बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क कर अमाउंट होल्ड करवाया। 19 सितंबर को परिवादी के खाते में पूरे पैसे वापिस आ गए। गए हुए पैसे वापिस आने की खुशी में आर्मी मैन ने सैल कार्यालय आकर टीम का आभार व्यक्त किया।

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