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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में शनिवार को फलों का मूल्य संवर्धन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश से आए प्रगतिशील किसान श्री तेजभान सिंह और विशिष्ट अतिथि श्री गोविंद सिंह थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरूण कुमार ने की।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री तेजभान सिंह ने कहा कि मूल्य संवर्धन चाहे फलों का हो, फूलों का हो या सब्जियों का। इसका अधिकतम लाभ किसानों को ही मिलना चाहिए। फसलों के मूल्य संवर्धन कार्यक्रम से अधिकतम किसानों को जोड़ा जाना चाहिए। ताकि मूल्य संवर्धन की तकनीक अंतिम किसान तक पहुंचे और किसान की आय बढ़े। प्रगतिशील किसान श्री गोविंद सिंह ने कहा कि आज भारत ने खाद्यान्न उत्पादन में बहुत तरक्की कर ली है। लेकिन अब भी कोल्ड स्टोरेज की कमी या दूसरे कारणों से कुछ प्रतिशत उत्पाद खराब हो जाता है जिसे मूल्य संवर्धन के जरिए कम किया जा सकता है।साथ ही कहा कि पहली बार एक कृषि वैज्ञानिक को भारत रत्न भी मिला है तो कृषि वैज्ञानिक पूरे उत्साह से कार्य करें ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।

कुलपति डॉ अरूण कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में आई महिलाएं और किसान अगर फलों का मूल्य संवर्धन सीख कर इसे उपयोग में लेगे और अन्य लोगों को भी बताएंगे तो ये बड़ी खुशी की बात होगी। इससे पूर्व कृषि महाविद्यालय डीन डॉ पीके यादव ने बताया कि भारत में 330 मैट्रिक टन खाद्यान्न, 210 मैट्रिक टन सब्जी और 110 मैट्रिक टन फलों का उत्पादन होता है। पहले इनमें से 20-30 फीसदी उत्पाद खराब हो जाता था। जिसे अब मूल्य संवर्धन के जरिए कम करके 5 से 15 प्रतिशत तक लाया जा चुका है। इससे पूर्व मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ ए.के.शर्मा ने स्वागत भाषण दिया औऱ डॉ जितेन्द्र तिवाड़ी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्र्म में मंच संचालन श्रीमती मंजू राठौड़ ने किया।

कार्यक्रम में अनुसंधान निदेशक डॉ पीएस शेखावत, प्रसार निदेशक डॉ सुभाष चंद्र, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ विमला डूकवाल, आईएबीएम निदेशक डॉ आईपी सिंह,छात्र कल्याण निदेशक डॉ वीर सिंह, भू सदृश्यता एवं राजस्व आय सर्जन निदेशक डॉ दाताराम, एलपीएम विभागाध्यक्ष डॉ एनएस दहिया, कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एस आर यादव, अतिरिक्त निदेशक बीज डॉ पीएस गुप्ता, एसिस्टेंट प्रो. डॉ मनमीत कौर समेत प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए किसान, महिलाएं, आईएबीएम स्टूडेंस्, कृषि महाविद्यालय के स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

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