
बीकानेर,इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर की ओर से सोमवार को एक दिवसीय “संस्कृत संभाषण कार्यशाला” का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) से पधारे संस्कृत भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री दत्तात्रेय वज्रहली ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के कुलसचिव डॉ. अमित सोनी ने मुख्य अतिथि का पारंपरिक शाल व साफा पहनाकर स्वागत करते हुए किया। डॉ. सोनी ने संस्कृत के माध्यम से वैदिक गणित और आधुनिक तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला।
अपने विचार व्यक्त करते हुए दत्तात्रेय वज्रहली ने कहा कि संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोधों और तकनीकी ज्ञान का प्राचीनतम आधार रही है। उन्होंने उदाहरणों सहित स्पष्ट किया कि संस्कृत में उपलब्ध ग्रंथों में खगोलशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, चिकित्सा, आयुर्वेद और वास्तुकला जैसे विषयों की गहरी वैज्ञानिक व्याख्या मौजूद है, जो आज के आधुनिक विज्ञान के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने तेलंगाना स्थित छाया सोमेश्वर धाम शिव मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला और प्राचीन विज्ञान की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ने का आह्वान किया।
वज्रहली ने संस्कृत भारती द्वारा आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी इंदौर में संचालित विशेष कार्यक्रमों की जानकारी भी साझा की और विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा के साथ संस्कृत के अध्ययन हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर संस्कृत भारती के ताराचंद व दिनेश गौड़ सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। ताराचंद ने दैनिक जीवन में संस्कृत के प्रयोग और संभाषण कार्यशालाओं की प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे।
डॉ. महेंद्र व्यास, बी.टेक प्रथम वर्ष समन्वयक, ने संस्कृत और तकनीकी ज्ञान के अंतर्संबंधों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट किया। वहीं डॉ. प्रीति नरुका ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए भारतीय संस्कृति की महत्ता को रेखांकित किया।
करीब 200 से अधिक विद्यार्थी एवं स्टाफ सदस्य इस कार्यशाला में शामिल हुए और संस्कृत व तकनीकी ज्ञान के इस संगम से मूल्यवान जानकारियाँ अर्जित कीं।