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बीकानेर,सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग तथा राजस्थान नेत्र ऑफ्थलमोलोजिकल सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज में अध्ययरत पीजी छात्रों के लिये एक कॉर्निया विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी, राजस्थान ऑफ्थलमोलिजकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र अग्रवाल, सचिव हर्षुल टाक तथा अंकुर सिन्हा के कर कमलों द्वारा कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने इस अवसर पर कहा कि सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का नेत्र विभाग उन्नति की ओर अग्रसर है, यहां प्रतिदिन 70 से 80 ऑपरेशन होते हैं, जो कि राजस्थान के समस्त मेडिकल कॉलेज में सर्वप्रथम है। हाल ही राजस्थान सरकार द्वारा इस विभाग में पर्दे की सर्जरी की सुविधा के लिये राजस्थान सरकार द्वारा बजट स्वीकृत किया गया है जो इस पूरे बीकानेर संभाग के लिये अत्यंत उपयोगी रहेगा।
इस कार्यशाला के दौरान कुल 6 सत्र आयोजित किये गये, जिसके अन्तर्गत नेत्र विशेषज्ञों ने कॉर्निया से संबंधित बीमारियों के निदान व उपचार के बारे में विस्तार से बताया। एम्स से ख्यातनाम नेत्र चिकित्सक डॉ प्रफुल्ल महाराणा ने इस कार्यशाला में कॉर्निया की बीमारियों का पता लगाने तथा नेत्र प्रत्यारोपण से संबंधित कई गहन जानकारियां दी। डॉ. महाराणा ने चोट से कॉर्निया की होने वाली क्षति के बारे में बताया तथा यह भी कहा कि सही समय पर उपचार से मरीज को दृष्टिहीनता से बचाया जा सकता है।
अहमदाबाद से आये डॉ. आशीष नागपाल ने कॉर्निया के अन्दर होने वाले विभिन्न प्रकार के घावों को पता लगाने तथा उसको जल्दी से उपचार करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. आशीष नागपाल ने कॉर्निया नेत्र प्रत्यारोपण किस-किस मरीजों के लिये फायदेमंद हो सकता है, इस बारे में जानकारी दी।
एम्स से आये डॉ. परिणिती सहाय ने कॉर्निया की विभिन्न परतों के उम्रदराज लोगों में होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. परिणिती सहाय ने कॉर्निया की शल्य चिकित्सा विधि के बारे में विस्तार से बताया।
जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ. धर्मवीर चौधरी ने बच्चों के अन्दर होने वाली कॉर्निया की विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यदि बच्चों में कॉर्निया की बीमारी का सही समय पर इलाज किया जाये तो बच्चों को दृष्टिहीनता से बचाया जा सकता है।
जयपुर के अग्रवाल आई हॉस्पीटल की कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ नेहा पाठक ने कॉर्निया में होने वाली केरेटोकोनस बीमारी के बारे में बताया कि राजस्थान के अन्दर आंखों में धूल, धूप और धुएें से एलर्जी के कारण यह बीमारी ज्यादा होती है। क्योंकि केरेटोकोनस उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है, अतः इसे नई तकनीक “कॉलेजन क्रॉस लिकिंग“ के द्वारा इसको स्थायी रूप से आगे बढ़ने से रोका जाता है।
जयपुर से आये डॉ. अंकुर मिड्डा ने कॉर्निया की बीमारी के निदान में काम आने वाले उपकरणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा कॉर्निया की परतों के बीच में होने वाले बदलावों को रोकने के बारे में बताया।
राजस्थान ऑफ्थलमिक सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन बार-बार होने चाहिये ताकि अध्ययनरत पीजी छात्र-छात्राओं को इसका पूरा लाभ मिल सके। राजस्थान आफ्थलमिक सोसायटी के सचिव डॉ हर्षुल टाक ने इस अवसर पर सोसायटी के द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया तथा उपस्थिति सभी प्रतिभागियों को ऐसी कार्यशालाओं में हर समय शामिल होने का आग्रह किया।
राजस्थान ऑफ्थलमिक सोसायटी के सांईटिफिक चेयरमेन डॉ. अंकुर सिन्हा ने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले राष्ट्रीय स्तर के सभी ख्यातनाम नेत्र चिकित्सकों का आभार जताया तथा कहा कि कॉर्निया की बीमारियों के संबंध में राष्ट्रीय स्तर की यह कार्यशाला दिल्ली एम्स से भी करवाने का आग्रह किया। कार्यशाला के मध्य में डॉ. जी.सी.जैन द्वारा लिखित एक पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक पीजी विद्यार्थियों के लिये महत्वपूर्ण साबित होगी। किताब का निःशुल्क वितरण सभी प्रतिभागियों को डॉ. संध्या जैन व डॉ. गौरव जैन द्वारा किया गया।
कार्यशाला का समापन नेत्र चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. जयश्री मुरली मनोहर के उद्बोधन से हुआ, उन्होंने सर्वप्रथम राजस्थान के जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर व जोधपुर तथा बीकानेर से शामिल सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी राष्ट्रीय स्तर के नेत्र चिकित्सकों तथा राज्य स्तर के नेत्र चिकित्सकों को विशेष धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपना अमुल्य समय निकालकर पीजी छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया।
इस कार्यक्रम के दौरान नेत्र विभाग, सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के डॉ. अंजू कोचर, डॉ. कल्पना जैन, डॉ. धनसिंह मीणा, डॉ. रश्मि जोशी, डॉ. अनिल चौहान, डॉ. शिल्पी कोचर, डॉ. पूनम भार्गव, डॉ. शाहिन फारूख तथा बीकानेर के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. एस.पी. व्यास, डॉ. जी.सी.जैन, डॉ. अनिता चाहर, डॉ. सौरभ भार्गव, डॉ. संजीव सहगल तथा डॉ. ललिता कच्छावा इत्यादि उपस्थित रहे।