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जयपुर। राजस्थान में बिजली प्रोडक्शन के लिए कोयले की किल्लत बढ़ गई है। अब केन्द्र के पास कोयले की किल्लत नहीं बल्की कोयला सप्लाई के लिए रेल के खाली रैक्स का टोटा पैदा हो गया है। इसलिए राज्यों को कह दिया गया है कि रोड कम रेल मोड से कोयला अपने-अपने राज्यों में उठाकर ले जाएं। सैकड़ों ट्रकों से रोजाना छत्तीसगढ़ से कोयला लाना आर्थिक और प्रैक्टिकल दोनों ही रूप से राजस्थान की बिजली कम्पनियों के लिए मुफीद नहीं है। सूत्र बताते हैं कि ऐसा हुआ तो प्रति यूनिट बिजली की रेट 18 से 20 पैसे और महंगी पड़ेगी। जिसका भार आखिरकार बिजली कन्ज्यूमर्स पर पड़ेगा।
4 रैक कोयले के लिए 536 ट्रक रोज लगाने होंगे
सूत्रों के मुताबिक मुख्य परेशानी यह भी है कि छत्तीसगढ़ की कोयला माइंस से ट्रकों में कोयला लोड करवाने में बड़े लेवल पर लेबर और मशीनरी लगेगी। फिर सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान तक सैकड़ों ही ट्रक लगाकर कोयला लाना पड़ेगा। 1 रैक यानी 4000 टन कोयला लाने के लिए अब रोजाना 134 ट्रक लगाने पड़ेंगे। इस हिसाब से एक्सट्रा 4 रैक कोयला लाने के लिए 536 ट्रक रोजाना तैनात करने होंगे। एक ट्रक में करीब 30 टन कोयला ही आ पाता है। फिलहाल प्रदेश में 17-18 रैक कोयला आ रहा है। जबकि डिमांड 21-22 रैक कोयले की है।
रोड से भी ट्रांसपोर्ट कर कोयला स्टॉक करने की सीख
पिछले दो दिन से दिल्ली दौरे पर गए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सीएमडी आर.के शर्मा ने गुरूवार को केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल जैन से मुलाकात की। उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड की सब्सिडरी कम्पनियों नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से राजस्थान को कोल रैक बढ़ाने की मांग रखी। छत्तीसगढ़ में राजस्थान को अलॉट कोल माइंस से 3-4 रैक कोयले की एक्सट्रा रैक देने की मांग की गई। जिस पर पॉजिटिव रेस्पॉन्स देते हुए केन्द्रीय कोयला सचिव ने सुझाव दिया कि राजस्थान अलॉट हुए कोयले को रेल के साथ रोड से ट्रांसपोर्ट कर बिजली घरों में स्टॉक करने की कोशिश करे। सीएमडी ने कोयला मंत्रालय के डायरेक्टर से भी कोयले की खाली रैक मुहैया कराने की मांग रखी। जिस पर मंत्रालय से जवाब मिला है कि दूसरे राज्यों में भी कोयला भेजा जा रहा है। कोयले की डिमांड ज्यादा है। इसलिए एक्सट्रा रेल रैक्स उपलब्ध नहीं हैं। जहां तक सम्भव हो रोड मोड से ही कोयला उठाया जाए।

पारसा ईस्ट कांता बासन फेज-2 की श्वष्ट,लैंड ट्रांसफर की मांग
केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल कुमार जैन से सीएमडी आर.के. शर्मा ने राजस्थान में कोयला क्राइसिस के बारे में बताया। उन्होंने मांग रखी कि उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ में अलॉट पारसा ईस्ट कांता बासन कोल ब्लॉक के लिए एनवायर्नमेंट क्लीयरेंस दिलवाई जाए। जिससे दूसरे फेज की 1136 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड जल्द ट्रांसफर हो सके। साथ ही कोयला सचिव को बताया कि मौजूदा समय में पहले फेज के कोल ब्लॉक में कोयला बहुत सीमित समय के लिए बचा है। सीएमडी आरके शर्मा ने राजस्थान सरकार की ओर से विद्युत उत्पादन निगम को अलॉट 2000 मेगावाट सोलर पार्क के काम को स्पीड देने के लिए भारत सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के सचिव से भी मुलाकात की। साथ ही सोलर पार्क के लिए जरूरी स्वीकृति जारी करने की गुजारिश की।

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