Trending Now




बीकानेर,छात्रों ने बताया स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन के तेरहवें दिन भी विवि प्रशासन न्यायोचित मांगों को मानने के बजाय साजिश करता रहा, डराता धमकाता रहा,छात्रों को तोड़ने में लगा रहा जिससे आक्रोशित छात्रों ने कुलपति सचिवालय के सामने कुलपति डॉ रक्षपाल सिंह के पुतले का मुँह काला करके जूतों की माला पहनाई और कुलपति व सभी डीन डायरेक्टर के माला चढ़ाकर, अगरबत्ती जलाकर तेहरवीं की बैठक का आयोजन किया गया क्योंकि कोई भी हमारी न्यायोचित संवैधानिक मांगों में मदद नही कर रहा छात्रों ने कहा क्या सबकी आत्मा मरी हुई है सबको कुर्सियों का लालच है? क्या सबका ज़मीर बिक गया जो हमारे हक हकूकों की लड़ाई में साथ देने के बजाय धमका रहे हैं। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर नोहर की पूर्व विधायक सुचित्रा आर्य व जयपुर जिला प्रमुख रमा देवी जी खुलकर छात्रों के समर्थन में आ गए और इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री व राज्यपाल महोदय को पत्र लिखा है कि किसान परिवेश के बच्चों की न्यायोचित मांगे मानी जाए। आज क्रमिक अनशन पर अंकित कुमार रहे। छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से आज फिर कोई भी सुध लेने नही पहुंचा और कुलपति डॉ रक्षपाल सिंह के इशारों पर उनकी सवैधानिक न्यायोचित मांगों को मानने के बजाय उनके साथ छल कपट षड्यंत्र किये जा रहे हैं उनको धमकाया जा रहा है डिग्री नही होने देंगें, फेल कर देंगें, FIR करवा देंगें आदि और उन्हें तोड़ने की साज़िश की जा रही है और कुलपति खुद लगभग दस दिन से कुलपति निवास से बाहर नहीं निकल रहे अन्दर बैठ कर साजिश कर रहे हैं, छात्र पांच दिन से पूरे बीकानेर में कुलपति डॉ रक्षपाल सिंह लापता के पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिससे छात्रों में भारी रोष है। छात्रों ने कहा कुलपति डॉ रक्षपाल सिंह जो विश्वविद्यालय में सेवा करने के लिये सरकार व राज्यपाल महोदय द्वारा लगाये गये है वो विश्वविद्यालय में आते हुये शरमा रहे हैं या डर रहे हैं या नजरअंदाज कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि किसान परिवेश व ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों से कृषि शिक्षा के नाम पर भारी भरकम फीस कृषि स्नातक में प्रति वर्ष ₹1,30,000/- तक पेमेंट सीट पर वसूली जा रही है जो की गत वर्ष से लगभग दोगुनी है इसी प्रकार स्नातकोत्तर व विद्यावाचस्पति के विद्यार्थियो से ₹1,80,000/- सालाना तक पेमेंट सीट की फीस लूटी जा रही है। जो किसान पृष्ठभूमि के बच्चों के साथ अन्याय है। और विश्वविद्यालय प्रशासन अभी गत आठ दिनों से इस फीस को स्नातक के लिए लगभग 104000 रुपये सालाना ओर स्नातकोत्तर व विद्या वाचस्पति के लिए लगभग 120000 रुपये सालाना करने के दावे कर रहा है जिसका अभी तक कोई आदेश नही दिया खाली दावे कर रहा है इसका मतलब विश्वविद्यालय प्रशासन खुद स्वीकार कर रहा है पहले विद्यार्थियों से ज्यादा फीस भरवाई है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिये जितनी फीस विद्यार्थियों से ज्यादा भरवाई है वो वापस करे और अगले समेस्टर से जितनी फीस गत वर्ष निर्धारित थी वही वापस लागू करे। जिससे विद्यार्थी एव विद्यार्थियो के अभिभावक किसान दिन प्रतिदिन कर्जायत होने से बचे। विश्वविद्यालय के द्वारा खुले तौर पर की जा रही इस प्रकार की लूट से भविष्य के कृषि वैज्ञानिको का भविष्य कर्ज में डूबा दिखाई दे रहा है। वर्तमान करोना महामारी के दोर में जहाँ विश्वविद्यालय द्वारा फ़ीस में छूट देनी चाहिए वहाँ विश्वविद्यालय द्वारा फ़ीस में अत्यधिक व अनियमित बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसान पृष्ठभूमि व ग्रामीण परिवेश के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जायेंगे जो कि उनके साथ अन्याय है।
जिस बोम की मीटिंग में विवि द्वारा अन्धाधुन्ध फीस बड़ाई गयी उसमे सरकार द्वारा नामित विधायक नही था फिर भी कुलपति ने अपनी मनमानी करते हुए राजस्थान सरकार की धज्जियां उड़ाते हुए जानबूझकर बोम की मीटिंग की और ग्रामीण परिवेश के बच्चों को कर्जदार बनाने के लिए दुगनी फीस बड़ा दी तो क्या कुलपति सरकार के विरूद्ध तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। इसकी जाँच होनी चाहिए ओर वह बोम भी जानबूझकर अपनी मनमानी करने के लिए वर्चुअल माध्यम से करवाई गई , इससे पहले भी बोम की मीटिंग में सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों ने विवि को दशा और दिशा देने वाले बोम की मीटिंग को व्यक्तिगत उपस्थित होकर आपने सामने बैठकर करवाने को कहा। जबकि कुलपति जानबूझकर करोना का बहाना लेकर वर्चुअल करवाते और किसी ने बोलना चाहा तो उनका माइक बन्द करते रहे। छात्रों ने कहा सम्पूर्ण प्रकरण की जांच उच्चस्तरीय कमेटी बनाकर होनी चाहिए। विवि प्रशासन इस कदर गिर गया कि उसके द्वारा टेन्ट उखाड़ने के लिए कहा जा रहा है कह रहे हैं पार्क में पानी लगाना है भिगो देंगें हटालो इसे। कृषि विश्वविद्यालय सरकार द्वारा किसानो तक नवाचार पहुंचाने, किसानो की आर्थिक स्थिति मजबूत करने, जन जन तक कृषि शिक्षा पहुंचाने के कार्यों के लिए बनाए गए थे लेकिन स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन इसके विपरित किसान विरोधी मानसिकता दिखाकर कृषि छात्रों का भविष्य अंधकार की ओर लेकर जा रहा है। आज से पूर्व में भी विद्यार्थियो द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को इस फीस रूपी लूट के बारे में लगातार चार-पांच महीनों से कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन विवि प्रशासन सदैव अनदेखी करता रहा और विद्यार्थियों को डराता धमकाता रहा, प्रताड़ित करता रहा है। विवि प्रशासन के इस रवैये से परेशान होकर विद्यार्थियों द्वारा लगातार तेरह दिन से कुलपति सचिवालय के सामने धरना दिया जा रहा है और विश्वविद्यालय परिसर में, कुलपति निवास, समस्त डीन डायरेक्टर के निवास के सामने,कलेक्ट्रेट पर पिछले बारह दिन से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है और मांगों की पूर्ति होने तक प्रदर्शन जारी रखा जायेगा। किन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की संवैधानिक न्यायोचित मांगों को मानने के बजाय उन को गुमराह किया जा रहा है और धमकियां दी जा रही है कि डिग्री नही होने देंगें, फेल कर देंगे आदि और कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ आई पी सिंह (जिन्हें गेर कानूनी रूप से अतिरिक्त कुलसचिव भी बना रखा है) उनके घरों पर असमाजिक तत्व बताकर लेटर भेज रहे हैं, प्रशासन के लोगों द्वारा FIR करवाने की धमकियां दी जा रही है, उनके माता पिता को कॉल करके धमकाया जा रहा है। जबकि सरकार, प्रशासन ओर पुलिस प्रशासन के लोगों द्वारा सदैव उनहें सहयोग मिल रहा है कि ग्रामीण परिवेश और किसान पृष्ठभूमि के बच्चों से फीस के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लूट की जा रही है जो अन्याय है। छात्रों ने कहा विश्वविद्यालय प्रशासन का इस प्रकार का रवैया हमारी समझ से बाहर है ये सब कुलपति डॉ रक्षपाल सिंह के इशारों पर हो रहा है जो कि दस दिन से लापता हैं। फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन उनके साथ छल कपट की रणनीति अपना रहा है ओर उन्हें गुमराह कर रहा है। आज दिवस तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई जिससे छात्रों में काफ़ी रोष है। छात्रों ने कहा मुख्यमंत्री और राज्यपाल महोदय से अनुरोध है सम्पूर्ण जांच करवाकर इन पर कार्यवाही की जाये हमें इनसे न्याय की उम्मीद नहीं है। छात्रों ने कहा हम कुलपति व विवि प्रशासन से लगातार विनम्र अनुरोध कर रहे हैं कि कृप्या इस लूट को बंद करवाया जाए जिससे छात्रों को मजबूरी में इस कड़कती ठंड में व पढ़ाई के नाजुक समय में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन व आंदोलन को हल निकाल कर समाधान किया जाये। पर वो समाधान करने के बजाय और साजिश कर रहे हैं जो हमारी समझ से परे हैं वो हमारे अभिवावक समान है परन्तु वो छल कपट षड्यंत्र कर रहे हैं।अब हमारी माननीय मुख्यमंत्री, माननीय राज्यपाल, माननीय कृषि मंत्री जी से गुहार है और पूर्ण विश्वास है कि आप महान शिक्षा सन्त कर्मयोगी स्वामी केशवानन्द जी जिनके नाम से कृषि विश्वविद्यालय को विश्व में जाना जाता है, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में व ग्रामीण परिवेश और किसान पृष्ठभूमि के लोगों के उत्थान के लिए शिक्षा, समाज सेवा, जागरूकता, सामाजिक कुरीतियों को मिटाने हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया उनके आदर्शों की स्थापना करेंगे और ग्रामीण परिवेश व गरीब वंचित विद्यार्थियों की समस्याओ का समाधान करायेंगे और हमें न्याय दिलवाएंगे

Author