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बीकानेर,उस समय समाज में फैली कुप्रथाओं को मिटाने के कार्य में अग्रणी रहे थे महात्मा जोतिबा फुले ये विचार रखे राजकीय डूंगर काॅलेज के व्याख्याता ( राजस्थानी ) डाॅ. नमामीशंकर आचार्य ने अवसर था बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति, बीकानेर द्वारा संचालित एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा सुजानदेसर के काली माता मंदिर परिसर में श्रमदान एवं फुले के जीवन पर संवाद कार्यक्रम। श्री आचार्य ने कहा कि श्री फुले एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें महात्मा फुले एवं ‘‘जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है।
कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने कहा कि महात्मा फुले ने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व पिछडे और अछूतो के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। संस्थान द्वारा आज इनकी जयंती के अवसर पर यहां श्रमदान एवं महात्मा फुले के जीवन पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संदर्भ व्यक्ति ममता पंवार ने कहा कि आज सुबह से हम सब ने मिलकर यहां पर श्रमदान के माध्यम से मंदिर परिसर की सफाई की और महात्मा के जीवन पथ पर चर्चा की। प्रशिक्षणार्थियों में से सरिता सोनी, अनुसूइया और ज्योति प्रतापत ने भी अपने विचार रखे। अंत में संदर्भ व्यक्ति ने आगंतुकों को धन्यवाद दिया।

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