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बीकानेर, द पुष्करणाज फाउण्डेशन के द्वारा आज पुष्करणा दिवस के उपलक्ष्य में द पुष्करणाज फाउण्डेशन द्वारा पुष्करणा समाज की बगेचियों एवं अन्य मैदानों में पौधा रोपण किया गया। पुष्करणा दिवस के उपलक्ष्य में आज सुबह 8ः15 बजे करूणा क्लब के सहयोग से शहर की पुष्करणा समाज की बगेचियों व अन्य मैदानों में 51 पौधों का रोपण किया गया।

फाउण्डेशन के अध्यक्ष राजेश रंगा ने इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा की पौधा रोपण पर लिखी पंक्तियां 21वीं सदी जीवणिया, सुणौ सदी रौ ग्यान/आज लगाओ बन हरा, काल मिलै बरदान सुनाते हुए वृक्षा रोपण का महत्व प्रतिपादित किया। कहा कि जो पौधे लगाए जा रहे है उनकी देखभाल भी बराबर की जानी चाहिए। जिन व्यक्तियों ने पौधे का रोपण किया उन्हें जब तक पौधा वृक्ष न बन जाए उसकी देखभाल करने की शपथ भी दिलाई गई। जिन पौधों का रोपण किया गया उनमें बिलपत्र, नींम, खेजड़ी, पींपल, अशोक, कनेर, बड़ आदि वृक्षों को लगाया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम के संयोजक थे गोपीकिशन छंगाणी। समाज की जिन बगेचियों में वृक्षारोपण हुआ वह है-राज रंगों की बगेची, रत्ताणी व्यासों की बगेची, ताणी व्यासों की बगेची, व्यासों की बगेची, व्यास पार्क, पुष्करणा स्टेडियम, धरणीधर, महानंद जी, आचार्य बगेची, हर्षोलाव, ओझाओं की बगेची, छंगाणियों की बगेची, कपिलआश्रम, सियाणा भैरू पार्क, बाबा रामदेव पार्क एवं उदयगिरी समाधि स्थल आदि में पौधा लगाकर पर्यावरण के प्रति अलख जगाई।
इसी क्रम में पुष्करणा फाउण्डेशन के सचिव कृष्णचंद पुरोहित ने बताया कि आज के युग में ग्लोबल वार्मिंग, हिट वेव को देखते हुए राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार पूरे राजस्थान में इस गर्मी से निजात पाने कें लिए, पानी को बचाने के लिए, तालाबों को बचाने ंके लिए खेत खलिहान को बचाने के लिए, पेड़-पौधों को लगाने की अपील की गई थी। उसी के अनुरूप द पुष्करणा फाउण्डेशन के सभी पदाधिकारियों ने मिलकर पुष्करणा दिवस के उपलक्ष्य में पौधा रोपण करने का निश्चय किया और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेशांे को अमल में लिया तथा पौधा रोपण करके समाज के प्रति अपने दायित्व का निवर्हन किया।
इसी क्रम में कमेटी के सदस्य हरिनारायण आचार्य, आलोक जोशी, दुर्गारानी रंगा, राजकुमार व्यास, बबीता पुरोहित, नवनीत व्यास, गौरीशंकर व्यास, मरूधर बोहरा, नंदकिशोर रंगा, राकेश बिस्सा, गोपीकिशन छंगाणी, श्याम सुंदर किराडू, महेश पुरोहित, उमेश पुरोहित, जुगल नारायण छंगाणी, मोहित पुरोहित, आदित्य पुरोहित, मदनमोहन ओझा, ओम आचार्य, लालजी पुरोहित, राममूर्ती व्यास, भुवनेश पुरोहित, आशीष रंगा, कृष्णकांत पुरोहित आदि उपस्थित थे।

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