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बीकानेर,एक युवक ने मंत्री को कॉल करके उनसे उनके चुप्पी के कारण पूछ लिए। जिसके बाद मंत्री ने उसे खूब सुनाया। युवक को बाद में शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया। वहीं गोविंद मेघवाल ने केंद्रीय मंत्री के बेटे पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।जालोर में दलित छात्र की मौत को लेकर राजस्थान में सियासत जारी है। अगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। एक ओर सरकार डैमेज कंट्रोल करने में लगी है। दूसरी ओर कुछ नेता मामले पर राजनीति करने में लगे हैं। इसी बीच राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।एक युवक ने मंत्री गोविंद राम मेघवाल को कॉल किया और उसने जालोर में दलित छात्र की मौत पर मंत्री मेघवाल की चुप्पी पर सवाल उठा दिए। जिसके बाद मंत्री मेघवाल बिफर गए और उन्होंने युवक को खूब खरी-खोटी सुनाई। मंत्री ने कहा कि मुझे मत सिखाओ। सोशल मीडिया पर वायरल यह ऑडियो 14 अगस्त का बताया जा रहा है। कॉल करने वाले युवक ने अपना नाम भंवर लाल जयपाल बताया। मंत्री को फोन करने के बाद पुलिस ने युवक को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद युवक को 15 अगस्त को छोड़ा गया।अर्जुन मेघवाल के बेटे पर बदनाम करने का लगाया आरोप

ऑडियो वायरल होने के बाद गोविंद राम मेघवाल ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि भंवरलाल को पकड़वाने में मेरा कोई हाथ नहीं है। यह विरोधियों की साजिश है। गोविंद राम मेघवाल ने इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के पुत्र रवि मेघवाल पर साजिश कर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है। Bikaner 24X7News वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। सोशल मीडिया पर वायरल इस ऑडियो पर लोग मंत्री की चुप्पी और युवक की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं।

जानें क्या है मामला?
जालोर के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव के नौ साल के इंद्र मेघवाल की शिक्षक की पिटाई से मौत हो गई। इंद्र सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता था। 20 जुलाई को बच्चे ने स्कूल में रखे एक मटके से पानी पी लिया था। इस बात पर शिक्षक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी। मासूम को गंभीर हालत में उदयुपर और अहमदाबाद में ले जाया गया। 24 दिन चले इलाज के बाद भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। शनिवार शाम को बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया। सरकार ने पांच लाख मुआवजे की घोषणा भी की लेकिन कम मुआवजे को लेकर दलित नेताओं ने विरोध जताना शुरू कर दिया। उसके बाद कांग्रेस कमेटी ने मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

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